मुंगेर में तीन साल के बाद कोर्ट ने सुनाई तीन आरोपी को आजीवन कारावास की सजा, अपने ही साले की पत्नी के साथ चार लोगों ने बारी बारी से किया था बलात्कार और मां बेटी की कर दी थी हत्या

Share With Friends or Family

मुंगेर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरदह गांव में 16 जून 2020 की रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। उस रात माँ-बेटी की निर्मम हत्या कर दी गई थी। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब जांच में यह खुलासा हुआ कि हत्या से पहले पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया था। यह अपराध और भी अमानवीय तब हो गया जब यह सामने आया कि मुख्य आरोपी ने इस घिनौने कृत्य को अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था।

आरोपियों की पहचान और अपराध की योजना

मुख्य आरोपी मोहम्मद जियाउल, जो कि मृतका सरवरी का रिश्तेदार भी था, अपने तीन अन्य साथियों – नसरुल उर्फ कारू, तनबीर उर्फ तन्नो और एक नाबालिग के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम देने के लिए पहले से ही योजना बना चुका था। बताया गया कि वह पानी पीने के बहाने रात में अपने ससुराल पहुंचा, जहां उसकी साल (पत्नी की बहन) सरवरी मौजूद थी। पहले उसे अकेला पाकर उसके साथ बारी-बारी से बलात्कार किया गया।

हत्याकांड की वीभत्सता

बलात्कार की घटना के दौरान जब सरवरी की माँ सहरबानो ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो आरोपियों ने उसे भी नहीं बख्शा। उन्होंने सहरबानो और सरवरी – दोनों को ईंट से कुचल- कुचलकर बेरहमी से मार डाला। यह पूरी घटना इतनी दर्दनाक थी कि गांव वालों में दहशत फैल गई। इसके बाद चारों आरोपी वहां से फरार हो गए थे।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और गिरफ्तारी

घटना के तुरंत बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तेजी से कार्रवाई की। मुंगेर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए सभी नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में कुल चार अभियुक्त बनाए गए थे – मोहम्मद जियाउल, नसरुल उर्फ कारू, तनबीर उर्फ तन्नो और एक अन्य नाबालिग। नाबालिग आरोपी का ट्रायल बाल न्यायालय में चल रहा है, जहां अभी गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

इसे भी पढ़ें :  मुंगेर सदर अस्पताल में दो पक्षों में मारपीट, आठ घायल | अस्पताल बना रणक्षेत्र

न्यायिक प्रक्रिया और फैसला

तीन वयस्क आरोपियों के खिलाफ मुंगेर व्यवहार न्यायालय में मुकदमा चला। न्यायाधीश एडीजे प्रथम श्री गुंजन पांडेय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सख्त रुख अपनाया। 19 जुलाई 2023 को कोर्ट ने मोहम्मद जियाउल, नसरुल उर्फ कारू और तनबीर उर्फ तन्नो को दोषी करार दिया। कोर्ट ने माना कि इन तीनों ने न केवल बलात्कार किया, बल्कि साक्ष्य मिटाने के लिए दो निर्दोष महिलाओं की हत्या भी की।

अंततः मिला न्याय: दोषियों को उम्रकैद की सजा

करीब तीन साल लंबे मुकदमे के बाद अंततः मुंगेर व्यवहार न्यायालय ने 9 अप्रैल 2025 को इस जघन्य अपराध पर फैसला सुनाया। तीनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही हर एक को 20-20 हजार रुपए का आर्थिक जुर्माना भरने का आदेश भी दिया गया।

इतना ही नहीं, न्यायालय ने आरोपियों को धारा 460 (रात में घर में घुसकर हत्या करना) के तहत भी सात साल की अतिरिक्त सजा और 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

सरकारी वकील का बयान

इस केस में सरकार की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक (एपीपी) ने बताया कि यह केस समाज के लिए एक नजीर बनेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में शीघ्र न्याय मिलना बहुत जरूरी होता है ताकि पीड़ित पक्ष को संतोष मिल सके और समाज में कानून के प्रति विश्वास बना रहे। कोर्ट द्वारा दिया गया यह फैसला न्याय प्रणाली की दृढ़ता को दर्शाता है।

समाज में संदेश और पीड़ित परिवार की राहत

इस फैसले ने पीड़ित परिवार को थोड़ी राहत जरूर दी है, लेकिन माँ-बेटी की जान की क्षति की भरपाई कभी नहीं हो सकती। गाँव और समाज में इस फैसले को न्याय की जीत के रूप में देखा जा रहा है। लोगों को यह संदेश गया है कि चाहे अपराधी कितना भी चालाक हो या रिश्तेदार ही क्यों न हो, कानून की पकड़ से बच नहीं सकता।

Share With Friends or Family

Leave a Comment