मुंगेर में लोक आस्था का महापर्व चैती छठ को लेकर लोगों में देखा गया उत्साह। लोगों ने गंगा किनारे पहुंच अस्ताचलगामी सूय को दिया अघ्ये। जिले के विभिन्न गंगा घाटों पर लोगों की उमड़ी भारी भीड़, सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा किया गया था पुख्ता इंतजाम, बेरीगेटिंग के साथ-साथ गोताखोरों की गई थी तैनाती।
रिपोर्ट – रोहित कुमार
दरअसल मुंगेर में लोक आस्था का महापर्व चैती छठ को लेकर लोगों में उत्साह देखा गया। चैती छठ को लेकर जिले के कष्ट हरनी घाट, बबुआ घाट सोजी घाटों सहित कई अन्य घाटों पर छठवर्ती और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। गंगा घाटों पर सैकड़ों की संख्या में छठ व्रती और उसके परिजन पहुंच अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्द्ध दिया। और अपने और अपने परिवार के लिए सुख शांति के साथ मंगलकामनाएं की। वही बताते चले कि खरना पूजा करने के बाद छठ व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखकर आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। और कल सुबह उदीयमान सूर्य काे अर्घ्य प्रदान करेंगी। इसके बाद छठ व्रती उपवास को तोड़ेंगी। साथ ही चार दिवसीय छठ पूजा संपन्न हो जाएगा।
इधर पर्व को लेकर जिला प्रशासन भी पूरी तरह से सजग है। गंगा तट पर सुरक्षा को लेकर पुलिस बल की तैनाती की गई है। इसके अलावा गंगा में मोटर बोट और लाइफ जैकेट के साथ गोताखोर की तैनाती की गई है। चैती छठ पूजा को लेकर नगर निगम के द्वारा शहर के अलावे छठ घाट पर साफ-सफाई करने का निर्देश नगर आयुक्त के द्वारा सिटी मैनेजर को दिया गया है। बता दें कि मुंगेर में छठ पूजा का एक अलग महत्व है। मान्यता के अनुसार विश्व में छठ पूजा की शुरूआत मुंगेर से हुई थी। बनवास से लौटने के क्रम में मुंगेर के बबुआ घाट के समीप माता सीता ने पहला छठ व्रत किया था। वह स्थान आज भी सीता चरण नाम से प्रसिद्ध है। उक्त मंदिर में आज भी माता के पदचिन्ह सहित अन्य कई तरह की छाप मौजूद है।