मुंगेर प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह दने गुरूवार को सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में वे सदर अस्पताल के विभिन्न बॉर्ड का भ्रमण कर सिविल सर्जन को उन्होंने कई आवश्यक निर्देश दिये। मौके पर उप निदेशक जन सम्पर्क पदाधिकारी दिलीप कुमार देव, सिविल सर्जन डा. पीएम सहाय, उपाधीक्षक डा. रमण कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो. फैजान आलम सहित अन्य पदाधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।
रिपोर्ट – रोहित कुमार
आयुक्त द्वारा सर्वप्रथम सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड, प्रसव ऑपरेशन थियेटर का निरीक्षण किया गया। वहां की साफ सफाई और कार्य व्यवस्था से वे संतुष्ट दिखे। तत्पश्चात रक्त केंद्र का निरीक्षण किया। वहां उपस्थित रक्त केंद्र के प्रभारी डा. फैजउद्दीन से उन्होंने रक्त केंद्र में मौजूद रक्त संग्रह की जानकारी ली। साथ ही रक्त केंद्र में सभी समूहों के रक्त संग्रहण पर बल देते हुए कहा कि अधिकाधिक समूहों के रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करें ताकि मरीजों को रक्त के अभाव में भटकना न पडे़। आयुक्त के द्वारा सदर अस्पताल के पोषण पुर्नवास केंद्र का निरीक्षण किया गया। वहां मौजूद कूपोषित बच्चों की कमी को देख वे असंतुष्ट दिखे। वहां कुल 11 कुपोषित बच्चे भर्ती थे। इसके अलावे उन्होंने वहां भर्ती बच्चों की माता से वहां की व्यवस्थाओं के विषय में जानकारी ली। उन्होंने सिविल सर्जन को पोषण पुर्नवास केंद्र के भोजन की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा मरीजों की कमी को दूर करने का निर्देश दिया। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कुपोषित बच्चों की जानकारी प्राप्त कर पोषण पुर्नवास केंद्र के माध्यम से उन्हें लाभ दिलाएं।
वही इमरजेंसी वार्ड के निरीक्षण के क्रम में भी वे वहां मौजूद मरीजों से उनका हाल लिया। एक महिला मरीज के कूल्हे के फ्रैक्चर पर उन्होंने उनके शीघ्र इलाज का निर्देश दिया। इसके अलावे वे जीविका द्वारा संचालित दीदी की रसोई का निरीक्षण करते हुए वहां के मेन्यू के विषय में पूछताछ की। साथ ही रसोई के संचालन का भी जायजा लिया। जन औषधी केंद्र का निरीक्षण करते हुए वे वहां मौजूद दवाईयों के बारे में जानकारी ली। आयुक्त द्वारा केंद्र पर कितने प्रकार की दवाईयां उपलब्ध है तथा इससे मरीजों और शहरवासियों को किस तरह से लाभ मिल रहा है के बारे में पूछने पर केंद्र के प्रोपराइटर राकेश कुमार द्वारा बताया गया कि जन औषधी केंद्र से मरीजों को हर तरह की दवाई बाजार से एक तिहाई दर पर उपलब्ध हो जाती है। मरीज इस केंद्र से दवा लेकर काफी लाभान्वित हो रहे हैं।
आयुक्त ने कहा कि अन्य प्रकार के बचे हुए दवाईयों का भी भंडारण करें ताकि मरीजों को दवा के लिए इधर उधर न भटकना पड़े। उन्होंने सदर अस्पताल में संचालित दवा वितरण केंद्र के संचालन अवधि को बढ़ाने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया। उन्होंने कहा कि दवा मरीजों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है, इस लिए मरीजों को दवा यथा संभव यथा समय पर उपलब्ध होती रहे इस पर विशेष ध्यान दें।वही फायलेरिया विभाग का निरीक्षण करते हुए उन्होंने फायलेरिया उन्मूलन की जानकारी ली। इस बाबत वहां मौजूद चिकित्सक द्वारा बताया गया कि फायलेरिया उन्मूलन के लिए विशेष अभियान की शुरूआत शुक्रवार से की जा रही है, जिसका उद्घाटन जिलाधिकारी द्वारा किया जाना है। आयुक्त ने प्रमंडल एवं जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि फायलेरिया उन्मूलन का पूरा लाभ उठाएं, चिकित्सकों की टीम यदि घर पर जाए तो दवा जरूर लें और दवा लेने के उपरांत यदि उल्टी, बेचैनी, घबराहट हो तो घबराएं नहीं, चिकित्सक से मिल कर परामर्श लें।
उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सामान्य परन्तु औचक निरीक्षण है। निरीक्षण का उद्देश्य सदर अस्पताल में उपलब्ध सेवाओं के गुणवत्ता में और अधिक सुधार लाना है। अस्पताल की व्यवस्था तो संतोषजनक है परन्तु इसमें और बेहतरी और गुणवत्ता में सुधार लाने की जरूरत है। मरीजों को उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता में भी सुधार लाने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया। ओपीडी निरीक्षण के क्रम में चिकित्सकों का मौजूद रहना काबिले तारीफ है, इससे यह स्पष्ट होता है मरीजों को ओपीडी संचालन के क्रम में चिकित्सकों की उपस्थिति व परामर्श मिल रहा है। सर्जन की कमी को भी शीघ्र ही दूर कर लिया जाएगा। आयुक्त द्वारा आईसीयू, आरसीएच सह जिला वैक्शिन केंद्र, एएलएसए, सामान्य ओपीडी, दंत, हड्डी ओपीडी, फिजियोथेरेपी सेंटर, जिला यक्ष्मा केंद्र, केंद्रीय दवा भण्डार, एसएनसीय, चक्षु वार्ड, शिशु वार्ड, एआरटी सेंटर, लैब सहित अन्य विभागों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सिविल सर्जन को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अस्पताल की अन्य व्यवस्थाओं में गुणात्मक सुधार लाएं तथा मरीजों को हर तरह की सुविधा मुहैया कराएं। उनके द्वारा सदर अस्पताल का आगे भी निरीक्षण किया जाता रहेगा।