मुंगेर में 7 साल से गंगा नदी में बन रहे पुल अब तक अधूरा, तो वही बांस के चचरी से बना पुल गंगा के तेज धार में वहा, लोगों को बस एक सहारा नाव, लोगों में दहशत

Share With Friends or Family

मुंगेर में लगातार बड़ रहे गंगा का जल स्तर से गंगा पार टीकारामपुर के ग्रामीणों को हो रही काफी परेशानी, एक तो पांच साल से बूढ़ी गंडक पे बना अधूरा पूल जो मानसी से टीकारामपुर को जोड़ती है लोगों को मुंह चिढ़ा रही तो दूसरा तरफ नदी पे बांस के चचरी से बना पूल भी तीन दिन पूर्व पानी की तेज़ धार में बह गया। जिससे से लोगों काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

Picsart 23 07 30 09 34 30 706 1

रिपोर्ट – रोहित कुमार

दरअसल मुंगेर जिला अंर्तगत पड़ने वाला गंगा के उस पार आखरी पंचायत जहां की आबादी 6 हजार के करीब है वहां बूढ़ी गंडक नदी जिसमे अभी बाढ़ की स्थिति बनी है। गंगा के तेज धारा में बांस के चचरी से बना पूल पहले तो डूबा और उसके बाद बह गया । इसी पूल से होकर लोग मानसी जाते थे। अब इस बाढ़ में आमलोगों को आने जाने के लिय केवल नाव का ही एक सहारा है। इतना ही नही सरकार के द्वारा इस टीकारामपुर के बूढ़ी गंडक पे एक पूल का निर्माण लगभग 7 साल पहले शुरू करवाया गया था जिसे अधूरा बना छोड़ दिया गया।

जो वहां के ग्रामीणों को मुंह चिढ़ाने का काम करता है। ग्रामीणों ने बताया एक तो चचरी पूल गंडक के बहाव में बह गया । और जो पूल का निर्माण प्रारंभ हुआ था वो पूल अभी अधूरा ही पड़ा है। दो साथ से पूल निर्माण का पूरा कार्य बंद पड़ा। अगर वह पूल आज बन जाता तो ग्रामीणों को काफी सहूलियत मिलती । अब उनके आने जाने का एक ही मार्ग बचा है वो है नाव । नेता मंत्री सिर्फ इस गांव में वोट मांगने आते है और उसके बाद फिर लौट के यहां की सुध लेने भी नही आते है।

Share With Friends or Family

Leave a Comment