बिहार में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का भव्य शुभारंभ, मशाल यात्रा पहुंची मुंगेर

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बिहार के विभिन्न जिलों में इस वर्ष आयोजित हो रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का शुभारंभ एक उत्सव की तरह मनाया जा रहा है। इस आयोजन के सफल क्रियान्वयन के लिए एक विशेष मशाल यात्रा निकाली गई है, जो राज्य के विभिन्न जिलों से होकर गुजर रही है। इसी क्रम में यह मशाल आज ऐतिहासिक शहर मुंगेर पहुँची, जहाँ जिला प्रशासन की ओर से इसका भव्य स्वागत किया गया।

मुंगेर के संग्रहालय सभागार में आयोजित इस स्वागत समारोह में जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह की अगुवाई में जिले के अनेक प्रशासनिक अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति, स्कूली छात्र, युवा खिलाड़ी एवं नागरिक उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने मशाल को हाथ में लेकर पूरे सभागार में घुमाया और लोगों को खेल के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया।


4 मई से शुरू हो रहा है खेलो इंडिया यूथ गेम्स, बिहार को मिला ऐतिहासिक मौका

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का उद्घाटन 4 मई को होने जा रहा है। यह बिहार के लिए गर्व का विषय है कि इस बार भारत सरकार द्वारा इस महाआयोजन की मेजबानी का अवसर बिहार को दिया गया है। इससे पहले यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता कई अन्य राज्यों में आयोजित की जा चुकी है, लेकिन पहली बार बिहार को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

इस आयोजन का उद्देश्य भारत के युवाओं में खेल भावना को प्रोत्साहित करना, प्रतिभाओं की पहचान करना और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंच पर आगे बढ़ने का अवसर देना है। यह खेल प्रतियोगिता देश के भविष्य के चैंपियनों को सामने लाने का मंच है।


बिहार के पाँच जिलों में होंगे मुकाबले

खेलो इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन के लिए बिहार के जिन जिलों को चुना गया है, वे हैं: पटना, नालंदा, गया, भागलपुर और बेगूसराय। इन जिलों में अलग-अलग खेलों के मुकाबले आयोजित किए जाएंगे और इनकी तैयारियाँ लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। सभी जिला प्रशासन और खेल विभाग मिलकर सुनिश्चित कर रहे हैं कि खिलाड़ियों को सर्वोत्तम सुविधा, सुरक्षा, और खेल वातावरण मिल सके।

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इसमें राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की भी महत्वपूर्ण भूमिका है, जहाँ पहले भी महिला हॉकी टीम के मैचों की सफल मेजबानी हो चुकी है।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खेलों के प्रति प्रतिबद्धता

मुंगेर में मशाल यात्रा के स्वागत समारोह के दौरान जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं खेलों को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध हैं। वे चाहते हैं कि बिहार के युवा सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि खेलों में भी आगे आएं और उसमें अपना भविष्य बनाएं। मुख्यमंत्री की मंशा है कि खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएं।

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि राज्य सरकार पहले ही राज्यस्तरीय खिलाड़ियों को सरकारी पदों पर नियुक्ति दे चुकी है और आगे भी ऐसा करने की योजना है।


खिलाड़ियों के लिए सुनहरा अवसर

जिलाधिकारी ने कहा कि यह आयोजन बिहार के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। अगर वे पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी रुचि लें और मेहनत करें, तो वे राज्य, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक खिलाड़ी केवल पदक जीतकर ही नहीं, बल्कि अपने संघर्ष और समर्पण से समाज में प्रेरणा का स्रोत बनता है।

उन्होंने उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वे अपनी पसंदीदा खेल विधा में अभ्यास करें और खेलो इंडिया जैसे मंचों का लाभ उठाएं। उन्होंने यह भी कहा कि खेल सिर्फ प्रतियोगिता नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण का माध्यम भी है।


मशाल यात्रा का ऐतिहासिक महत्व

खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए निकाली गई मशाल यात्रा केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि यह युवा ऊर्जा और संकल्प का प्रतीक है। यह मशाल जहाँ-जहाँ जाती है, वहाँ एक नई ऊर्जा, उत्साह और आशा का संचार करती है। मुंगेर में इस मशाल यात्रा के पहुंचने पर पूरा शहर खेल भावना से ओत-प्रोत हो गया।

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छात्रों ने हाथों में तिरंगा लेकर “भारत माता की जय” और “खेलो इंडिया – बढ़ेगा इंडिया” जैसे नारों से वातावरण को गूंजा दिया। यह दृश्य इतना भावुक था कि कई लोग इस ऐतिहासिक क्षण को अपने कैमरे में कैद करते नजर आए।


खिलाड़ियों का किया गया अभिनंदन

इस विशेष अवसर पर जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने विभिन्न खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को टोपी पहनाकर सम्मानित किया। यह सम्मान केवल एक रस्म नहीं थी, बल्कि एक प्रेरणा थी, जिससे अन्य युवा खिलाड़ी भी प्रेरित हो सकें।

साथ ही जिला प्रशासन की ओर से उपस्थित सभी खिलाड़ियों को खेल किट, जलपान एवं प्रेरणादायक साहित्य भेंट किया गया, ताकि वे मानसिक रूप से मजबूत होकर प्रतियोगिता में भाग लें।


समाज की भागीदारी भी जरूरी

खेलों के सफल आयोजन में सिर्फ सरकार या प्रशासन की नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की भागीदारी जरूरी होती है। इसी सोच के तहत मुंगेर में आम लोगों, शिक्षकों, माता-पिता, और स्वयंसेवकों को भी इस आयोजन से जोड़ा गया है।

इस आयोजन को लेकर मुंगेर शहर में साफ-सफाई, सजावट, और सुरक्षा की व्यापक तैयारियाँ की गई हैं। स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को स्वयंसेवक के रूप में जोड़ा गया है, ताकि खेलों का संचालन सहज रूप से हो सके।


खेलो इंडिया से बिहार को मिलेगी नई पहचान

जैसे ही 4 मई से खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आगाज होगा, बिहार पूरे देश के सामने एक नई छवि लेकर आएगा। यह आयोजन न सिर्फ राज्य के खेल ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि पर्यटन, रोजगार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देगा।

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बिहार के ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर के साथ जब युवा ऊर्जा का संगम होगा, तब एक नवीन बिहार की तस्वीर उभरकर सामने आएगी।


उत्सव नहीं, यह बिहार का गौरव है

अंत में यह कहना गलत नहीं होगा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि बिहार के स्वाभिमान और युवा शक्ति का प्रतीक है। मुंगेर में मशाल यात्रा का स्वागत इसी भावना का एक जीवंत उदाहरण है।

आइए, हम सभी इस आयोजन का हिस्सा बनें, खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाएं, और इस ऐतिहासिक क्षण को स्मरणीय और सफल बनाएं।

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