बिजली कि किल्लत ने मुंगेर में शिक्षा व्यवस्था कि खोली पोल, अगर लाइट काट जाय तो अंधेरे में मोबाइल के फ्लैश लाइट में कार्य करने को मजबूर है विद्यालय कर्मी। विद्यालय में इंटर में एडमिशन कराने को लेकर छात्रों की उमड़ी थी भीड़। मामला सीतादेवी जगमोहन साह बालिका प्लस टू विद्यालय का है।
रिपोर्ट – रोहित कुमार
दरअसल बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बिहार सरकार सजग है परंतु बिजली कि किल्लत ने शिक्षा विभाग की पोल खोल कर रख दी है एक तस्वीर जो हम आपको दिखाने जा रहे है वो मुंगेर जिला मुख्यालय से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर असरगंज प्रखंड क्षेत्र के असरगंज सीतादेवी जगमोहन साह बालिका प्लस टू विद्यालय की है । जहां शिक्षक एवं कर्मी दिन में भी मोबाइल के फ्लैश जलाकर कार्य करने को मजबूर दिख रहे है । स्कूल प्रबंधन के द्वारा बिजली कट जाने के बाद इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।
जिस कारण लाइट काट जाने के बाद पूरा विद्यालय अंधकारमय हो जाता है। यही वजह है शिक्षाकर्मी अंधेरे मे मोबाइल के फ्लैश लाइट से काम करने को विवश हैं। कार्य कर रहे कर्मी से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया की विद्यालय का नया बिल्डिंग बना है । लाइट का कनेक्शन भी है पर लाइट चले जाने के बाद कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है पर छात्रों का काम करना भी जरूरी है। समय पे कार्य नहीं हुआ तो छात्रों को परेशानी होती है । इस कारण वे मोबाइल के फ्लैश के लाइट में कार्य कर रहे है ताकि छात्रों को परेशानी न हो।
वही बता दें कि विद्यालय में इंटर का एडमिशन करवाने को लेकर छात्रों की भीड़ उमड़ी थी। विद्यालय कर्मी फॉर्म जमा ही रह रहे थे कि बीच में ही बिजली चली गई जिससे कि पूरा विद्यालय अंधेरा हो गया। काफी इंतजार करने के बाद भी जब लाइट नहीं आई तो विद्यालय कर्मी ने मोबाइल का फ्लैश लाइट जला कर काम करना शुरू किया।