बिहार के मुंगेर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत महेशपुर घाट पर आज सुबह एक बेहद दर्दनाक घटना घटी। बजरंगबली नगर के चार युवक गंगा में स्नान कर रहे थे, तभी अचानक तीन युवक गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। इसी दौरान उनके साथ नहा रहा 17 वर्षीय रौशन कुमार, जो बजरंगबली नगर निवासी जर्नादन मंडल का सबसे छोटा बेटा था, ने बहादुरी दिखाते हुए उन तीनों युवकों को डूबने से बचा लिया। लेकिन दुर्भाग्यवश, दूसरों की जान बचाते हुए रौशन खुद गंगा की लहरों में समा गया और उसकी मौत हो गई।
मृतक रौशन कुमार: एक सच्चा नायक
रौशन कुमार केवल 17 वर्ष का था, लेकिन उसके भीतर मानवता और बहादुरी की मिसाल छिपी थी। जब उसने अपने दोस्तों को डूबते हुए देखा, तो बिना एक पल गंवाए वह उन्हें बचाने के लिए आगे बढ़ा। उसने न केवल तीनों दोस्तों की जान बचाई, बल्कि यह भी दिखा दिया कि इंसानियत और साहस उम्र की मोहताज नहीं होती। रौशन ने अपनी जान की परवाह न करते हुए दूसरों की जिंदगी को प्राथमिकता दी और अंत में खुद गंगा की लहरों में समा गया।
स्थानीय गोताखोरों का प्रयास और शव की बरामदगी
घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग घाट पर इकट्ठा हो गए। स्थानीय गोताखोरों को बुलाया गया जिन्होंने तत्परता से गंगा में खोजबीन शुरू की। काफी मशक्कत के बाद रौशन कुमार का शव बरामद किया गया। शव की बरामदगी के बाद घाट पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं और हर कोई उस किशोर की बहादुरी को याद कर रहा था जिसने दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान गंवा दी।
पुलिस की कार्रवाई और शव का पोस्टमार्टम
घटना की सूचना मिलते ही मुफस्सिल थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने शव को अपने कब्जे में लेकर कानूनी प्रक्रिया पूरी की और पोस्टमार्टम के लिए मुंगेर सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने बताया कि मामले में किसी प्रकार की आपराधिक गतिविधि नहीं पाई गई है और यह पूरी तरह से एक दुर्घटना है। हालांकि, मामले की पूरी जांच की जा रही है।
परिजनों का दर्द और मातम
रौशन की मौत की खबर जब उसके घर पहुंची तो कोहराम मच गया। उसकी मां बेसुध हो गईं, पिता की आंखों में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। परिवार के सदस्य और पड़ोसी शोक में डूबे हुए हैं। रौशन अपने छह भाइयों में सबसे छोटा था और उसके पिता मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है, ऐसे में इस दुखद घटना ने परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है।
डूबने वाले अन्य युवकों की स्थिति
इस घटना में जो तीन युवक डूब रहे थे, उनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। उसे नौवागढ़ी के एक प्राइवेट क्लीनिक में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है। बाकी दो युवकों की तबीयत बिल्कुल सामान्य है और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, समय रहते रौशन के प्रयासों से उनकी जान बच गई अन्यथा मामला और भी गंभीर हो सकता था।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और शोक
घटना के बाद से महेशपुर घाट और आसपास के इलाके में मातम का माहौल है। हर कोई रौशन की बहादुरी की तारीफ कर रहा है और साथ ही उसके असमय निधन पर गहरा दुख व्यक्त कर रहा है। लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि रौशन को मरणोपरांत सम्मान दिया जाए और उसके परिवार की आर्थिक सहायता की जाए, ताकि उसका बलिदान व्यर्थ न जाए।