मुंगेर जिले के सफियासराय थाना क्षेत्र अंतर्गत डकरा घाट पर गुरुवार की दोपहर एक दर्दनाक हादसा सामने आया। गंगा स्नान के दौरान 19 वर्षीय युवक पंकज कुमार पानी की तेज धार में बह गया और डूब गया। यह घटना उस समय घटी जब पंकज अपने चार दोस्तों के साथ गंगा में स्नान करने गया था। डकरा सतखजुरिया गांव निवासी पंकज कुमार, विपिन मंडल का पुत्र था। गर्मी के इस मौसम में गंगा में नहाने के इरादे से पंकज और उसके दोस्त घाट पर पहुंचे थे, लेकिन यह स्नान उसके लिए जीवन का आखिरी स्नान बन गया।
पानी की तेज धार बनी हादसे की वजह
स्थानीय लोगों के अनुसार, स्नान के दौरान पंकज अचानक गहरे पानी में चला गया। गंगा की तेज धार और बहाव को वह संभाल नहीं सका और देखते ही देखते वह पानी में डूबने लगा। उसके दोस्तों ने जब देखा कि वह डूब रहा है, तो उन्होंने तुरंत शोर मचाया और आसपास मौजूद लोगों को बुलाया। लोगों ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
प्रशासन की सक्रियता और गोताखोर टीम की खोजबीन
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। अंचलाधिकारी और सदर एसडीओ शैलेन्द्र कुमार के निर्देश पर गोताखोरों की एक टीम को मौके पर भेजा गया। जितेन्द्र साहनी के नेतृत्व में आठ सदस्यीय गोताखोर दल एफआरपी बोट की मदद से दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक युवक की तलाश करता रहा। इसके बावजूद कोई सफलता नहीं मिल सकी और पंकज का कोई सुराग नहीं मिला।
परिजनों की हालत और स्थानीय माहौल
घटना की सूचना मिलते ही पंकज के परिजन और ग्रामीण बड़ी संख्या में डकरा घाट पर इकट्ठा हो गए। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। किसी अनहोनी की आशंका से सभी सदमे में हैं और घाट के किनारे टकटकी लगाए खड़े हैं। मातम का माहौल बन गया है। हर कोई यही प्रार्थना कर रहा है कि युवक सकुशल मिल जाए, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, चिंता और बढ़ती जा रही है।
खोजबीन अगले दिन भी जारी रहेगी
सदर एसडीओ शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि शाम 5 बजे तक गोताखोरों को सफलता नहीं मिल सकी है, लेकिन शुक्रवार को पुनः सर्च ऑपरेशन चलाया जाएगा। प्रशासन की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं कि युवक को जल्द से जल्द खोज निकाला जाए।
स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों के बीच भय और चिंता का माहौल है। हर साल गर्मियों में गंगा स्नान के दौरान इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे संवेदनशील घाटों पर सुरक्षा उपायों को मजबूत करना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।