मुंगेर जिला अंतर्गत किला परिसर स्थित जिला परिषद ऑडिटोरियम में एक दिवसीय ई-साक्ष्य एप प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विशेष रूप से नए आपराधिक कानूनों के अंतर्गत डिजिटल साक्ष्यों के महत्व को समझाने और उनके उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में मुंगेर प्रमंडल के चार जिलों—जमुई, लखीसराय, मुंगेर और शेखपुरा—से आए पुलिस पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण में 55 वर्ष तक के एएसआई (सहायक उप निरीक्षक) से लेकर एएसपी (अपर पुलिस अधीक्षक) स्तर के अधिकारी शामिल हुए।
उद्घाटन समारोह में डीआईजी और एसपी की उपस्थिति
प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ मुंगेर प्रक्षेत्र के डीआईजी राकेश कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुंगेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) भी मौजूद रहे। डीआईजी राकेश कुमार ने अपने संबोधन में नए आपराधिक कानूनों की पृष्ठभूमि में ई-साक्ष्य एप की उपयोगिता और अनिवार्यता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में अपराधों की जांच और साक्ष्यों के संकलन की प्रक्रिया में तकनीक का समुचित प्रयोग आवश्यक हो गया है, और ई-साक्ष्य एप इसी दिशा में एक अहम कदम है।
प्रशिक्षण सत्रों का विवरण
प्रशिक्षण को दो सत्रों में विभाजित किया गया था। प्रथम सत्र में पटना से आए प्रशिक्षक सुमित कुमार और पंकज कुमार द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को घटनास्थल की वीडियोग्राफी, फोटो खींचने, गवाहों के बयान लेने तथा इन सभी को ई-साक्ष्य एप पर सुरक्षित तरीके से अपलोड करने की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह एप न केवल साक्ष्यों को डिजिटल रूप में संग्रहित करता है, बल्कि इन्हें न्यायालय में प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को भी अधिक पारदर्शी और प्रमाणिक बनाता है।
द्वितीय सत्र में उन्नत प्रशिक्षण
दूसरे सत्र में प्रशिक्षक धर्मेश कुमार, जो पटना से ही आए थे, ने प्रशिक्षण की बागडोर संभाली। इस सत्र में एप के तकनीकी पहलुओं, डाटा सुरक्षा, गवाहों की गोपनीयता बनाए रखने के उपाय और एप के जरिए साक्ष्यों को न्यायिक प्रक्रिया में किस प्रकार प्रयुक्त किया जाए—इन सभी विषयों पर गहन चर्चा की गई। प्रशिक्षक ने एप के इंटरफेस और संचालन को लेकर पुलिस पदाधिकारियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
प्रशिक्षण के बाद परीक्षा का आयोजन
प्रशिक्षण सत्र के समापन के बाद प्रतिभागियों के लिए 25 अंकों की एक परीक्षा आयोजित की गई। इस परीक्षा में पुलिस अधिकारियों की प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त जानकारी की जांच की गई। डीआईजी राकेश कुमार ने बताया कि इस परीक्षा के अंक संबंधित पुलिस पदाधिकारी की सेवा पुस्तिका में अंकित किए जाएंगे, जिससे भविष्य में उनके तकनीकी ज्ञान का आकलन संभव हो सकेगा।
डीआईजी का विशेष संदेश
अपने संबोधन के दौरान डीआईजी ने कहा कि वर्तमान समय में अपराध के तरीके लगातार बदलते जा रहे हैं और अपराधी अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस को भी तकनीकी रूप से सशक्त बनाना समय की मांग है। उन्होंने यह भी कहा कि ई-साक्ष्य एप जैसे उपकरणों का प्रभावी उपयोग न केवल अपराध की जांच को बेहतर बनाएगा, बल्कि न्याय प्रणाली में भी विश्वास को सुदृढ़ करेगा।