बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री, डॉ. सुनील कुमार, हाल ही में मुंगेर जिले के सुंदरपुर स्थित वानिकी महाविद्यालय पहुंचे। यह कॉलेज न केवल बिहार का पहला बल्कि देश का दूसरा वानिकी महाविद्यालय है, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला और फॉरेस्ट्री शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। मंत्री डॉ. सुनील कुमार का आगमन छात्रों के बीच उत्साह का विषय बना रहा, क्योंकि वे खुद छात्रों से वन-टू-वन संवाद करने के लिए आए थे।
छात्रों से सीधी बातचीत और समस्याओं की पहचान
मंत्री ने कॉलेज के ऑडिटोरियम में उपस्थित छात्रों से सीधी बातचीत की। इस बातचीत का उद्देश्य छात्रों की समस्याओं को प्रत्यक्ष रूप से जानना और उनके समाधान के लिए त्वरित कदम उठाना था। छात्रों ने खुलकर अपनी कठिनाइयाँ मंत्री के समक्ष रखीं। कुछ ने शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़े मुद्दे उठाए, तो कुछ ने मूलभूत सुविधाओं के अभाव की बात कही।
वानिकी महाविद्यालय की विशेषता और वर्तमान स्थिति
मुंगेर का वानिकी महाविद्यालय अपनी स्थापत्य कला के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां फॉरेस्ट्री की उच्च गुणवत्ता वाली पढ़ाई करवाई जाती है। वर्तमान में दो सत्रों को मिलाकर कुल 67 विद्यार्थियों ने इस महाविद्यालय में नामांकन कराया है। छात्रों के साथ-साथ उनके अभिभावकों ने भी लगातार मंत्री से संपर्क किया था, जिससे यह दौरा संभव हुआ।
छात्रों की प्रमुख समस्याएँ
आरक्षण की मांग
एक छात्र ने बताया कि झारखंड और उड़ीसा जैसे राज्यों में फॉरेस्ट्री में पढ़ने वाले छात्रों को राज्य सरकार द्वारा आरक्षण दिया जाता है। छात्र ने मांग रखी कि बिहार सरकार को भी इसी तर्ज पर फॉरेस्ट्री छात्रों को आरक्षण देना चाहिए ताकि उन्हें भविष्य में नौकरी और अन्य अवसरों में लाभ मिल सके।
प्रैक्टिकल कार्य के लिए बस की आवश्यकता
दूसरे छात्र ने बताया कि कॉलेज में बस की व्यवस्था न होने के कारण वे फील्ड वर्क और प्रैक्टिकल के लिए जंगल नहीं जा पाते। फॉरेस्ट्री जैसे व्यावहारिक विषय में फील्ड विजिट अत्यंत आवश्यक है, और इस सुविधा के अभाव में छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।
मंत्री का आश्वासन और त्वरित निर्णय
छात्रों की समस्याएं सुनने के बाद मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने विश्वास दिलाया कि छात्रों की सभी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाएगा। उन्होंने कॉलेज प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि जो भी धनराशि कॉलेज को मिली है, उसका तुरंत उपयोग करते हुए एक बस खरीदी जाए, ताकि छात्रों को प्रैक्टिकल के लिए जंगल जाने में कोई कठिनाई न हो।
साथ ही मंत्री ने यह भी कहा कि आरक्षण से जुड़े विषय को सरकार के स्तर पर गंभीरता से विचार के लिए रखा जाएगा और जल्द ही इस पर उचित निर्णय लिया जाएगा।
मौके पर अधिकारी और छात्र मौजूद
इस अवसर पर वन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी, कॉलेज के प्राचार्य, अन्य स्टाफ सदस्य और सभी छात्र उपस्थित रहे। सभी ने मंत्री की पहल का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि जल्द ही महाविद्यालय में सुविधाओं का विस्तार होगा। छात्रों में मंत्री के प्रत्यक्ष संवाद से नई ऊर्जा का संचार हुआ और उनमें अपने भविष्य को लेकर विश्वास बढ़ा।
निष्कर्ष
डॉ. सुनील कुमार का यह दौरा छात्रों के लिए एक सकारात्मक पहल साबित हुआ। वानिकी जैसे विषय में व्यावहारिक ज्ञान और सुविधाओं की महत्ता को समझते हुए सरकार का यह सक्रिय रवैया भविष्य में बिहार के वन क्षेत्र में दक्ष मानव संसाधन तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुंगेर का वानिकी महाविद्यालय न केवल राज्य का गौरव बढ़ा रहा है, बल्कि वन संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी नई संभावनाओं के द्वार खोल रहा है।