मुंगेर किला गेट की मरम्मत: ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम

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मुंगेर जिले के ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन ने अहम कदम उठाया है। जिले के डीएम अवनीश कुमार सिंह ने भवन प्रमंडल को निर्देश दिया है कि वह क्षतिग्रस्त किला गेट की मरम्मत के लिए प्राक्कलन तैयार करे। इस प्राक्कलन को पुरातत्व विभाग को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा, जिससे ऐतिहासिक धरोहर की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति जागरूकता की आवश्यकता

मुंगेर अपने ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन समय के साथ ये धरोहर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। लालदरवाजा की ओर स्थित मीरकासिम किला का उत्तरी गेट भारी वाहनों के आवागमन के कारण लगातार क्षतिग्रस्त हो रहा है, जिससे यह दुर्घटनाओं को न्योता देने लगा है। इस समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने मरम्मत कार्य की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

मीरकासिम किला और उसकी ऐतिहासिक महत्ता

मीरकासिम किला भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह किला अठारहवीं शताब्दी में नवाब मीरकासिम द्वारा बनवाया गया था और इसका रणनीतिक महत्व भी था। यह किला न केवल ऐतिहासिक धरोहर के रूप में महत्वपूर्ण है बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी जिले के लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन देखरेख के अभाव में इसकी दीवारें जर्जर हो चुकी हैं और उत्तरी गेट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

नागरिकों और सामाजिक संगठनों की मांग

मुंगेर की जनता और सामाजिक संगठन लगातार प्रशासन से इस ऐतिहासिक धरोहर की मरम्मत की मांग कर रहे थे। शहर के प्रबुद्ध लोगों द्वारा विभिन्न मंचों से इस विषय को उठाया गया था। सामाजिक संगठन “मुंगेर सेवा मंच” के सदस्यों ने भी लगातार उत्तरी किला गेट की मरम्मत कराने की मांग की। इस संबंध में संस्था के प्रतिनिधिमंडल ने डीएम से मिलकर इस गेट की मरम्मत को लेकर ज्ञापन सौंपा था।

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प्रशासन की तत्परता और मरम्मत की प्रक्रिया

डीएम अवनीश कुमार सिंह ने इन मांगों को गंभीरता से लेते हुए भवन प्रमंडल को निर्देश दिया कि क्षतिग्रस्त किला गेट की मरम्मत के लिए प्राक्कलन तैयार किया जाए। इसके तहत भवन निर्माण विभाग के अभियंताओं ने साढ़े पांच लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया है। इस प्राक्कलन को जल्द ही पुरातत्व विभाग को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

पुरातत्व विभाग की स्वीकृति के बाद मरम्मत कार्य

जैसे ही पुरातत्व विभाग से स्वीकृति मिल जाएगी, मरम्मत कार्य के लिए टेंडर निकाला जाएगा। इस कार्य को ऐतिहासिक मूल स्वरूप में ही पूरा किया जाएगा, ताकि किले की प्राचीनता बनी रहे। प्रशासन इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक कदम

यह पहल मुंगेर की ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल ऐतिहासिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। प्रशासन और नागरिकों के संयुक्त प्रयास से मुंगेर की ऐतिहासिक धरोहरों को सुरक्षित रखने में सफलता मिलेगी।

 

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