मुंगेर जिले के संग्रामपुर थाना क्षेत्र में आज सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। यह घटना उस वक्त हुई जब बालू से लदा एक तेज़ रफ्तार हाइवा वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे की एक दुकान को तोड़ते हुए पास के एक मकान की दीवार में जा टकराया। यह हादसा इतना भयानक था कि आस-पास के इलाक़े में अफरा-तफरी मच गई। टक्कर की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि आसपास के लोग नींद से जाग गए और घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।
घर में सो रही महिला की जान बची
हादसे के वक्त उस मकान में एक महिला सो रही थी, जिसकी किस्मत अच्छी रही कि वह बाल-बाल बच गई। दीवार का बड़ा हिस्सा टूटकर गिर पड़ा, लेकिन चमत्कारी रूप से महिला को किसी प्रकार की शारीरिक चोट नहीं आई। महिला ने बताया कि हादसे के वक्त वह गहरी नींद में थी और जब तेज़ आवाज़ आई तो घबराकर उठी। जब बाहर आकर देखा तो पूरा घर तहस-नहस हो चुका था।
रात के करीब दो बजे की है घटना
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह हादसा आज तड़के लगभग 2:00 बजे हुआ। बताया जा रहा है कि बालू से लदा यह बड़ा हाइवा वाहन जमुई की ओर से आ रहा था और देवघर-सुल्तानगंज मुख्य मार्ग पर अचानक अनियंत्रित हो गया। वाहन सीधे जाकर पहले एक दुकान को तोड़ा और फिर पास के मकान की दीवार में जा घुसा। इससे मकान की बाहरी दीवार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
ड्राइवर और खलासी मौके से फरार
घटना के तुरंत बाद वाहन चालक और उसके साथ मौजूद खलासी हाइवा को घटनास्थल पर छोड़कर फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि दुर्घटना की वजह संभवतः वाहन चालक को नींद की झपकी आना है। इस कारण वह हाइवा पर नियंत्रण खो बैठा। हादसे के बाद पूरे इलाके में डर और गुस्से का माहौल है।
पीड़ित महिला की आपबीती
हादसे में बची महिला ने बताया कि वह एक गरीब परिवार से है और उसका बेटा बाहर काम करता है। अब उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती घर की टूटी दीवार को बनवाने और नष्ट हुए सामान को फिर से खरीदने की है। महिला ने कहा, “हम जैसे गरीब लोग कहां से पैसे लाएं, अब घर की मरम्मत और नए सामान की व्यवस्था कैसे करेंगे?” उसने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
प्रशासन से मुआवजे की मांग
स्थानीय ग्रामीणों और पीड़िता ने प्रशासन से मांग की है कि इस लापरवाहीपूर्ण हादसे की उचित जांच हो और महिला को मुआवजा दिया जाए। साथ ही फरार वाहन चालक और खलासी की गिरफ्तारी की भी मांग की जा रही है। लोगों का कहना है कि यदि वाहन कुछ इंच और भीतर घुसता, तो जानमाल की बड़ी क्षति हो सकती थी।