बिहार के मुंगेर जिले में शराबबंदी के बावजूद शराब माफियाओं का दुस्साहस लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला मुंगेर जिला अंतर्गत मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सीताकुंड इलाके का है। दरअसल, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बंगाल से अवैध रूप से शराब की एक बड़ी खेप स्कॉर्पियो वाहन से मुंगेर होते हुए खगड़िया की ओर जाने वाली है। सूचना मिलते ही पुलिस ने सक्रियता दिखाई और मुफस्सिल थाना की गश्ती टीम के साथ एक विशेष पुलिस दल को अलर्ट कर दिया गया।
वाहन चेकिंग अभियान और स्कॉर्पियो की एंट्री
सूचना के आधार पर पुलिस ने सीताकुंड डीह इलाके में वाहन चेकिंग शुरू की। दो अलग-अलग दिशाओं से पुलिस की गाड़ियाँ तैनात की गई थीं। इसी दौरान तेज रफ्तार से आती एक स्कॉर्पियो (नंबर BR10PB7571) ने वाहन चेकिंग पॉइंट को देखकर दिशा बदलने की कोशिश की। पुलिस को उस पर शक हुआ और गाड़ी को रोकने का प्रयास किया गया।
शराब माफियाओं की दुस्साहसी कार्रवाई: पुलिस पर सीधा हमला
पुलिस की मौजूदगी को देखकर शराब तस्कर घबरा गए और गाड़ी लेकर भागने लगे। भागते वक्त उन्होंने पहले मुफस्सिल थाना की गश्ती गाड़ी को जोरदार टक्कर मारी। इसके बाद स्कॉर्पियो को घुमाकर दूसरी दिशा में भागने की कोशिश की, जहाँ दूसरी गश्ती गाड़ी ने उन्हें रोकना चाहा। लेकिन माफियाओं ने दुस्साहस दिखाते हुए उस गाड़ी को भी सामने से टक्कर मार दी। इस टक्कर में पुलिस की दोनों गाड़ियाँ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं।
माफियाओं की गाड़ी का पलटना और गिरफ्तारी
पुलिस का पीछा और सड़क किनारे मौजूद गड्ढे की वजह से माफियाओं की स्कॉर्पियो असंतुलित होकर पलट गई। मौके का फायदा उठाकर पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गाड़ी को चारों ओर से घेर लिया। गाड़ी में मौजूद दोनों तस्करों को घायल अवस्था में बाहर निकाला गया। घायल तस्करों को प्राथमिक इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
गाड़ी से भारी मात्रा में शराब और हथियार बरामद
पुलिस ने जब स्कॉर्पियो की तलाशी ली, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। गाड़ी से 19 पेटी विदेशी शराब बरामद की गई, जिनकी कुल मात्रा 119 लीटर थी। इसके अलावा एक देशी कट्टा और दो जिंदा कारतूस भी बरामद हुए। यह घटना बिहार में शराब माफियाओं की बढ़ती गतिविधियों का एक और प्रमाण है।
गिरफ्तार तस्करों की पहचान और उनका नेटवर्क
गिरफ्तार तस्करों की पहचान रवि कुमार (निवासी – गोड्डा, झारखंड) और राहुल कुमार (निवासी – बांका, बिहार) के रूप में हुई है। पुलिस जांच में पता चला है कि ये दोनों शराब की इस बड़ी खेप को पश्चिम बंगाल से लाकर मुंगेर पुल के रास्ते खगड़िया पहुंचाने वाले थे। यह माफिया नेटवर्क अंतरराज्यीय हो सकता है, इसकी गहन जांच जारी है।
पुलिस कर्मियों की बहादुरी और घायल अधिकारी
घटना में पुलिस के एक निरीक्षक चंदन कुमार, सिपाही रौशन और अमृत तिग्गा घायल हुए हैं। बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर तस्करों को दबोच लिया। पुलिस कर्मियों की यह बहादुरी काबिल-ए-तारीफ है। सभी घायल पुलिसकर्मियों और तस्करों का इलाज फिलहाल चल रहा है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई
मुंगेर के सदर डीएसपी अभिषेक आनंद ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना तड़के सुबह की है। पुलिस की सतर्कता और तत्परता से एक बड़ी आपराधिक साजिश नाकाम हो गई। उन्होंने बताया कि शराब माफियाओं ने पुलिस पर जानलेवा हमला किया, लेकिन पुलिस ने अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटते हुए तस्करों को गिरफ्तार कर लिया।
बिहार में शराबबंदी पर सवाल और माफियाओं का मनोबल
इस घटना ने एक बार फिर बिहार में लागू शराबबंदी कानून की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आये दिन शराब तस्करी के मामले सामने आते हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि शराब माफियाओं का नेटवर्क अब भी सक्रिय है। इस घटना में जिस प्रकार माफियाओं ने पुलिस की गाड़ियों को टक्कर मारी और हथियार लेकर चल रहे थे, वह साफ दर्शाता है कि उनका मनोबल कितना ऊँचा है।