बिहार के मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड अंतर्गत जसीडीह मुरकट्टास्थान गांव में आज सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब एक पागल कुत्ते ने गांव में आतंक फैलाना शुरू कर दिया। यह कुत्ता बेहद आक्रामक व्यवहार कर रहा था और किसी को भी देखते ही उस पर हमला करने लगता था। गांव के शांत माहौल में अचानक हुई इस घटना ने सभी ग्रामीणों को दहशत में डाल दिया।
राहगीरों और पालतू जानवरों पर भी किया हमला
यह पागल कुत्ता गांव के अलग-अलग हिस्सों में घूम-घूमकर लोगों पर हमला करता रहा। उसने न सिर्फ राह चलते ग्रामीणों को काटा, बल्कि कई पालतू जानवरों को भी घायल कर दिया। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों तक को नहीं बख्शा गया। लोग इधर-उधर भागने लगे, लेकिन कुत्ता इतने बेकाबू हाल में था कि वह किसी को भी देखकर दौड़ पड़ता और काट लेता।
आधे दर्जन से अधिक ग्रामीण घायल
इस पागल कुत्ते के हमले में गांव के कई निवासी गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में महिलाएं, बच्चे और युवा भी शामिल हैं। घायल व्यक्तियों में बंगलवा के बमबम भारती, शुभम कुमार, जसीडीह के आर्यन कुमार, धीरज कुमार, तिलोकी मांझी, महेशपुर के देवेंद्र कुमार साह, धरहरा की मुन्नी देवी समेत आधे दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं। इन सभी को तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरहरा में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के साथ-साथ एंटी-रेबीज इंजेक्शन भी दिया गया।
ग्रामीणों ने दिखाई बहादुरी
कुत्ते का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा था और पूरा गांव भय के साए में आ चुका था। लेकिन कुछ साहसी युवकों ने स्थिति को संभालने की ठानी। उन्होंने बड़ी हिम्मत और सूझबूझ के साथ कुत्ते को काबू में करने की योजना बनाई। काफी मशक्कत और जोखिम उठाने के बाद आखिरकार उन्होंने कुत्ते को मार गिराया। कुत्ते की मौत के बाद ही गांववालों ने राहत की सांस ली और गांव का माहौल थोड़ी देर बाद सामान्य हो पाया।
चिकित्सा व्यवस्था और प्रशासन की भूमिका
घायलों को धरहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया। चिकित्सकों ने सभी घायलों को समय पर प्राथमिक उपचार और एंटी-रेबीज टीके दिए। डॉक्टरों का कहना है कि घायलों की हालत फिलहाल स्थिर है लेकिन कुछ लोगों को आगे और इलाज की जरूरत पड़ सकती है।
ग्रामीणों की मांग: कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण
इस घटना के बाद ग्रामीणों में गहरी नाराज़गी देखने को मिली। लोगों ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि आवारा कुत्तों की संख्या पर जल्द से जल्द नियंत्रण किया जाए। उनका कहना है कि गांव में पहले से ही आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो कि भविष्य में और भी बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन