मुंगेर जिले के आदर्श थाना क्षेत्र जमालपुर में एक बेहद दुखद और चिंताजनक हादसा सामने आया है, जहां पुलिस की गश्ती वाहन की चपेट में आकर एक वृद्ध महिला की मौत हो गई। यह घटना रविवार की मध्य रात्रि जमालपुर स्टेशन चौक और जुबली बेल चौक के बीच घटी। मृतक महिला की उम्र 79 वर्ष थी और वह मानसिक रूप से कमजोर बताई जा रही है।
हादसे की पूरी कहानी: कैसे हुआ यह दुर्घटना
जानकारी के अनुसार, रविवार की रात लगभग 12 बजे जमालपुर थाना की पुलिस गश्ती गाड़ी सामान्य गश्त पर थी और वह स्टेशन चौक से जुबली बेल चौक की ओर बढ़ रही थी। तभी अचानक सड़क पर एक वृद्ध महिला सामने आ गई, जो मानसिक रूप से अस्थिर थी। गाड़ी रुक नहीं सकी और वह महिला उसकी चपेट में आ गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और सड़क पर गिर पड़ी।
तत्परता से किया प्राथमिक उपचार का प्रयास
हादसे के तुरंत बाद पुलिसकर्मी गश्ती गाड़ी से उतर कर महिला को उठाया और इलाज के लिए जमालपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। वहां मौजूद चिकित्सकों ने महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए मुंगेर सदर अस्पताल रेफर कर दिया। पुलिस की तत्परता के बावजूद महिला की हालत लगातार बिगड़ती चली गई।
अस्पताल में मौत की पुष्टि, परिजनों का विलाप
जैसे ही महिला को मुंगेर सदर अस्पताल पहुंचाया गया, वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस खबर के फैलते ही इलाके में हड़कंप मच गया। महिला की पहचान करने के लिए तस्वीर को सोशल मीडिया और स्थानीय थाना में साझा किया गया, जिसके बाद महिला की पुत्रवधू उषा देवी जमालपुर थाना पहुंचीं और तस्वीर देखकर पहचान की पुष्टि की।
मृतका की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि
परिजनों के अनुसार, मृतक महिला की पहचान भागलपुर जिले के शाहकुंड थाना अंतर्गत स्वर्गीय भूदेव दास की पत्नी सुदामा देवी के रूप में हुई है। वह मानसिक रूप से अस्वस्थ थीं और प्लास्टिक चुनने का कार्य करती थीं। बताया गया कि वह पिछले एक सप्ताह से लापता थीं और घर से बिना बताए निकल गई थीं। परिजन उन्हें खोज रहे थे, लेकिन किसी को उनका पता नहीं चल सका। और अब इस हृदयविदारक घटना ने पूरे परिवार को गहरे दुख में डाल दिया है।
पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में रोष है और वे पुलिस की गश्ती व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि गश्ती वाहन की गति नियंत्रित होती या आसपास का ध्यान रखा गया होता, तो यह हादसा टल सकता था। हालांकि पुलिस का कहना है कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना है और घायल महिला को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाना उनकी प्राथमिकता थी।
प्रशासन की चुप्पी, न्याय की मांग
घटना के बाद अब तक स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। परिजन और स्थानीय लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषी कर्मियों पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।