मुंगेर के संग्रामपुर में खलियान पर रखे धान की फसल में लगी भीषण आग, ग्रामीण व अग्निशामक ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू, तब तक खलयान पर रखे लाखों रुपए की फसल जलकर हुआ खाक। फसल मालिक का रो रो कर बुरा हाल, सरकार से लगाई मदद की गुहार।
रिपोर्ट – रोहित कुमार
दरअसल मुंगेर जिले के संग्रामपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत लक्ष्मीपुर बहियार में लगे धान के पूंज में आग लगने से लाखों रुपए के धान जलकर राख में तब्दील हो गया। इस घटना से आग पीड़ित किसानों के स्वजनों का रोल रोकर बुरा हाल है। जानकारी के अनुसार बढ़ती मजदूरी दर को देखते हुए बंटाईदारी खेती करने वाले किसानों ने लक्ष्मीपुर मौजा बहियार में खलिहान बनाकर धान के फसल का पूंज लगाया था। शनिवार के अपराह्न लगभग 4 बजे खलिहान में लगे धान के पूंज में आग लग गई। आग इतनी भयाबक था की खलिहान में लगे आग के धुंऐं को देख किसान दूर से ही खलिहान में आग लगने की हल्ला करने लगे। खलिहान में लगी आग को देखकर लक्ष्मीपुर चंदनियां के अलावा सीमावर्ती बेलहर प्रखंड के जमुआ के ग्रामीण दौड़ पड़े। जबतक लोग पहूंच पाते आग ने धान के टाल को अपनी आगोश में ले लिया था।
वही बावजूद इसके लोगों ने आग पर काबू पाने का जमकर प्रयास किया। जिससे आग पर काबू पाया जा सका। इस दौरान किसी ने संग्रामपुर थाना को फोन कर आग लगने की सूचना दी। सूचना मिलते ही थाना से अग्निशमन वाहन को भेजा गया। आग बुझाने में महती भूमिका निभाई। अग्निपीडित किसान उमेश यादव ने बताया कि मेरे पांच बीघे के धान की पूंज लगाया था।आग कैसे लगी कुछ नहीं जानता। नदी में भैंस को खाना देने गया था। उसी बीच हल्ला हुआ कि खलिहान में आग लग गई है। दौड़कर आया तो देखा कि आग ने खलिहान पर आग धान के पूंज को अपनी आगोश में ले लिया था। आग लगने से हम बर्वाद हो गए।
वहीं अग्निपीडित भगलू यादव की पत्नी धान के जलते पूंज को देख दहाड़ मारकर रो रही थी। जबकि गणेश पंडित जो बंटाईदारी खेती करता है।धान के पूंज में आग लगने से हताश और निराश है। ग्रामीणों व थाना के अग्निशमन दस्तेबल के सहयोग से आग पर काबू तो पाया गया। तब तक गरीब किसानों को लाखों रुपए का नुक्सान हो चुका था। इस संदर्भ में अंचल अधिकारी से पूछने पर बताया कि इस तरह की आग लगी की घटना पर सहयोग करने का किसी तरह का आबंटन नहीं है। जांचोपरांत अग्नि से फसल क्षतिपूर्ति के लिए वरीय अधिकारियों से आग्रह की जाएगी।