मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड निवासी एक शिक्षक के साथ बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है। शिक्षक से शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर 7 लाख 50 हजार रुपए की ठगी की गई। यह घटना तब उजागर हुई जब पीड़ित शिक्षक ने साइबर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित का कहना है कि यह धोखाधड़ी एक सुनियोजित योजना के तहत की गई। आरोपी ने फेसबुक के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश के लिए संपर्क किया और फिर व्हाट्सएप पर बातचीत शुरू की।
कैसे हुआ विश्वास
जनवरी 2025 में फेसबुक पर एक इन्वेस्टमेंट ऑफर आया, जिसमें मोटे मुनाफे का लालच दिया गया था। पीड़ित शिक्षक ने पहले 20,000 रुपए निवेश किए, जिसके बदले 15 दिनों में उन्हें 21,500 रुपए लौटाए गए। इस छोटी सी कमाई ने शिक्षक का भरोसा जीत लिया और उन्हें यकीन हो गया कि यह इन्वेस्टमेंट स्कीम सही है।
इसके बाद शिक्षक ने बड़ी रकम लगाने का फैसला किया। उन्होंने दो बार में कुल 7.5 लाख रुपए आरोपी को ट्रांसफर किए — पहली बार 4 लाख रुपए और दूसरी बार 3.5 लाख रुपए।
ठगी का खुलासा
जब इन्वेस्टमेंट के बाद आरोपी ने फोन उठाना बंद कर दिया, तब शिक्षक को ठगी का अहसास हुआ। उन्होंने तुरंत साइबर थाना में जाकर शिकायत दर्ज कराई। साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी शिया भारती ने बताया कि शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
बैंक एकाउंट की जांच
जांच के दौरान पता चला कि जिस बैंक एकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, वह फर्जी आईडी के आधार पर खोला गया था। इससे यह भी संकेत मिलता है कि बैंक प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल उठते हैं। डीएसपी शिया भारती ने कहा कि ऐसे मामलों में बैंक की सतर्कता बेहद जरूरी है, ताकि फर्जी खातों के माध्यम से लोगों से ठगी न हो सके।
लालच बना सबसे बड़ा कारण
यह मामला यह बताता है कि किस तरह पढ़े-लिखे लोग भी ज्यादा मुनाफे की चाह में ठगी का शिकार हो जाते हैं। सरकार और साइबर टीम द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद लोग ऐसे लालच में फंस जाते हैं। शिक्षक जैसा जागरूक वर्ग भी इससे अछूता नहीं है।
लोगों को चेतावनी
साइबर थाना ने इस घटना के माध्यम से आम जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान इन्वेस्टमेंट ऑफर के चक्कर में न पड़ें। सोशल मीडिया पर मिलने वाले इन्वेस्टमेंट ऑफर अक्सर फर्जी होते हैं। किसी भी प्रकार की ऑनलाइन स्कीम में पैसे लगाने से पहले उसकी पूरी जांच और प्रमाणिकता सुनिश्चित करें।