मुंगेर विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में शिरकत करने के लिए बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति श्री आरिफ मोहम्मद खान मुंगेर पहुंचे। उनके आगमन पर जिले के प्रशासनिक अधिकारियों एवं विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत किया। सबसे पहले राज्यपाल महोदय को हेलीपैड पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसके बाद उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में सेरेमोनियल गार्निंग के साथ सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार ने उन्हें प्रतीक चिह्न और अंग वस्त्र भेंट कर औपचारिक स्वागत किया। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एस. चोंग्थू भी उपस्थित थे।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के कुल सचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने निभाई। समारोह के दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालय बड़ौदा, गुजरात के कुलपति प्रोफेसर रमा शंकर दुबे भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। राज्यपाल महोदय ने अपने हाथों से विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 34 स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। यह सम्मान प्राप्त कर विद्यार्थियों के चेहरे पर गर्व और प्रसन्नता स्पष्ट रूप से झलक रही थी।
राज्यपाल का प्रेरणादायक संबोधन
अपने अध्यक्षीय भाषण में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सबसे पहले सभी विद्यार्थियों और उनके माता-पिता को बधाई दी। उन्होंने बिहार के महापुरुषों के जीवन से प्रेरणादायक प्रसंग साझा किए और छात्रों को उनके विचारों से सीखने की प्रेरणा दी। उन्होंने बिहार की गौरवशाली विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि बिहार के बाहर रहने वाला हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी जाति या समुदाय का हो, खुद को बिहारी ही कहता है।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार के लोग जब अपने प्रदेश से बाहर जाते हैं, तो उनकी पहचान उनकी कार्यशैली और कौशल से होती है, न कि उनकी जाति या धर्म से। बाहर रहने वाले बिहारी एकजुट होकर कार्य करते हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश अपने ही राज्य में जातिगत और धार्मिक विभाजन में बंटे रहते हैं। उन्होंने छात्रों और नागरिकों से आह्वान किया कि यदि बिहार के लोग एकजुट हो जाएं, तो वे पूरे देश की दशा और दिशा बदल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में इतनी क्षमता है कि यह देश को नेतृत्व प्रदान कर सकता है।
मुंगेर विश्वविद्यालय के नए भवन की घोषणा
अपने भाषण के दौरान राज्यपाल महोदय ने विश्वविद्यालय के नए भवन को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि मुंगेर विश्वविद्यालय, जो पिछले सात वर्षों से आर.डी. एंड डीजे कॉलेज के परीक्षा भवन में संचालित हो रहा था, अब अपने स्थायी भवन में स्थानांतरित होने जा रहा है। इसके लिए नौआगढ़ी में 19 एकड़ भूमि चिन्हित की जा चुकी है। इस घोषणा से विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों में उत्साह की लहर दौड़ गई।
स्वर्ण पदक प्राप्त छात्रों की खुशी
स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें कुलाधिपति के हाथों सम्मानित होने का अवसर मिला, जो उनके लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और विश्वविद्यालय को दिया। छात्रों ने कहा कि यह सम्मान उन्हें आगे और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा।
राज्यपाल का कृष्ण सेवा सदन भ्रमण
समारोह की समाप्ति के बाद राज्यपाल महोदय ने मुंगेर के प्रसिद्ध कृष्ण सेवा सदन का भी भ्रमण किया। वहां उन्होंने सेवा कार्यों की सराहना की और स्थानीय प्रशासन व समाजसेवियों से संवाद किया। उनका यह दौरा शहरवासियों के लिए भी एक प्रेरणादायक क्षण था।