बुधवार की शाम करीब 6:30 बजे दुर्गापुर गांव में एक हृदय विदारक घटना घटी, जिसने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। 14 वर्षीय किशोर गोखुल कुमार की आकस्मिक मृत्यु वज्रपात की चपेट में आने से हो गई। यह घटना तब हुई जब वह बारिश थमने के बाद अपने घर से बाहर निकला था। स्कूली छात्र गोखुल शाम को ताजगी के लिए कुछ देर टहलने निकला था, लेकिन किसे पता था कि यह उसकी आखिरी शाम होगी।
प्राकृतिक आपदा का कहर
जैसे ही मौसम में थोड़ी राहत आई और बारिश थमी, गांव में सामान्य जनजीवन बहाल होने लगा। लोग अपने-अपने कामों में व्यस्त होने लगे। ठीक उसी समय आसमान में गरज के साथ बिजली चमकी और एक जोरदार वज्रपात हुआ। दुर्भाग्यवश यह वज्रपात गोखुल कुमार के बेहद पास गिरा और वह इसकी चपेट में आ गया। हादसा इतना भीषण था कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
गांव में पसरा मातम
घटना की सूचना जैसे ही गांव में फैली, पूरा गांव सन्न रह गया। घर-घर में मातमी माहौल पसर गया। हर कोई स्तब्ध और दुखी था कि इतना होनहार और मासूम बच्चा इस तरह असमय दुनिया छोड़कर चला गया। गोखुल कुमार की मौत से गांव में गम का साया छा गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। माताएं अपने बच्चों को सीने से लगाकर ईश्वर से उनकी रक्षा की प्रार्थना कर रही थीं।
परिजनों की पीड़ा
गोखुल कुमार, गांव के निवासी शंभू यादव का बड़ा बेटा था। उसके दो भाई और तीन बहनें हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से ही सामान्य थी, और अब यह हादसा उनके लिए पहाड़ टूटने जैसा है। गोखुल की मां बेसुध हैं और पिता शोक में डूबे हुए हैं। गांव वालों के अनुसार गोखुल पढ़ाई में होनहार था और परिवार का सहारा बनना चाहता था। परिजनों की चीख-पुकार से गांव का हर व्यक्ति भावुक हो गया।
समाजसेवियों की तत्परता
घटना की जानकारी मिलते ही गांव के समाजसेवी मृत्युंजय कुमार और कुछ ग्रामीण तत्काल गोखुल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, संग्रामपुर लेकर गए। लेकिन वहां चिकित्सक एएन सवा ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घोषणा के बाद वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन को सूचित किया गया।
पुलिस व प्रशासन की भूमिका
घटना की सूचना मिलते ही संग्रामपुर थाना के पुअनि अंकित कुमार और सौरभ कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने मृत शरीर को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मुंगेर भेज दिया। अंचल अधिकारी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह स्पष्ट रूप से वज्रपात से हुई मौत है और मामले की जांच की जा रही है।
मुआवजे का आश्वासन
प्रशासन की ओर से अंचल अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि नियमानुसार पीड़ित परिवार को मुआवजा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वज्रपात से हुई मौत पर सरकार द्वारा निर्धारित आर्थिक सहायता को शीघ्र प्रदान किया जाएगा, ताकि शोक संतप्त परिवार को कुछ राहत मिल सके। हालांकि अब तक कोई ठोस मदद नहीं पहुंची है, लेकिन अधिकारी इस दिशा में सक्रिय हैं।
ग्रामीणों की मांग
गांववासियों ने प्रशासन से अपील की है कि मृतक के परिवार को शीघ्र आर्थिक सहायता एवं राहत दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए सरकार को गांवों में जागरूकता फैलानी चाहिए और सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर बचाव उपाय होते, तो शायद गोखुल की जान बचाई जा सकती थी।