दरअसल मुंगेर के श्रीकृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय सभागार में आज शनिवार को आचार्य कपिल व्याख्यानमाला -2024 का आयोजन किया गया। जिसका विषय “राष्ट्र प्रथम : संविधान प्रथम” था। इस में मुख्य अतिथि पटना उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद थे। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में मुंगेर प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह थे। वही दोनों अतिथियों का स्वागत आरडी एंड डीजे कॉलेज के प्राचार्य प्रो. प्रभात कुमार ने किया।
वही पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि हमारे पिताजी 1955 में आरडी एंड डीजे कॉलेज के इंटर के विद्यार्थी थे और आचार्य कपिल 1955 में प्रधानाचार्य नियुक्त हुए थे. हमारे पिता बताया करते थे कि किस तरह से राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर और आचार्य कपिल का प्रगाढ़ संबंध था। उन्होंने कहा कि संविधान की ड्राफ्टिंग कमिटी के सामने यह सवाल था कि हमारा संविधान कैसा हो. संविधान सभा में प्रस्तावना में ही यह रखा गया कि ” वि द पीपुल…” राष्ट्र की संकल्पना संविधान की प्रस्तावना से ही शुरू होती है. संविधान का अनुच्छेद 51 (ए) को जरूर पढ़ना चाहिए।
मौलिक अधिकार की आज बात तो करते हैं, लेकिन मौलिक कर्तव्य की बात नहीं करते. मौलिक कर्तव्य की बात करना जरूरी है। हर नागरिक को राष्ट्र के प्रति अपनी नागरिक जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए। संविधान प्रथम का मतलब है कि कानून की नजर में सभी नागरिक बराबर होगा. संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो यदि उसको चलाने वाला व्यक्ति बुरा होगा तो कोई भी संविधान बुरा साबित होगा और कोई भी संविधान कितना भी बुरा क्यों न हो, यदि उसको चलाने वाला आदमी अच्छा होगा तो वह अच्छा साबित होगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में केंद्रीय सरकार मौलिक अधिकार को पूरी तरह नहीं, बल्कि सीमित स्तर पर मौलिक अधिकार में भी कटौती की जा सकती है। जो राष्ट्र प्रथम के सिद्धान्त पर आधारित है. आचार्य कपिल की स्मृति में यदि आज हम सभी यह संकल्प लें कि हम सभी अपने दायित्वों, कर्तव्यों का पालन करते हुए संविधान की गरिमा और राष्ट्र को प्रथम रखते हुए उसे सुरक्षित रख सकें।
श्रीकृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय ट्रस्ट एवं ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह ने आचार्य कपिल की स्मृतियों को प्रणाम करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण पुस्तकालय में बिहार केसरी राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह ने 70 हजार पुस्तकें दीं थीं। उन्होंने पुस्तकालय के विकास के लिए नए सिरे से कार्य करने के लिए ट्रस्ट को आश्वस्त भी किया।
वही पुस्तकालय का विकास युवाओं के लिये मार्गदर्शन
प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह ने कहा कि नकी दृष्टि इस पुस्तकालय के उत्थान, विकास एवं सुरक्षा पर सदैव लगी रहती है। पुस्तकालय का विकास युवाओं के लिये मार्गदर्शन होता है। जहां वे अपने शिक्षा को मजबूत करते हैं. कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्यों सहित संविधान की फ्लेक्सिबलिटी पर महत्वपूर्ण बातें कही. मंच संचालन प्रो. विद्या कुमार चौधरी ने किया।