मुंगेर में एक गांव की चर्चा काफी जोरों पर है. यहां पर भगवान बुध से जुड़ी कई चीजे पाई जा रही है. बताया जा रहा है कि यह गांव छठी शताब्दी के इतिहास से बड़ा जुड़ाव रखता है, जो पुराने लोगों के द्वारा बताया जा रहा है कि पूर्व में यह गांव भगवान बुद्ध स्थली रह चुकी है. उनके रहने के कई चीजों का प्रमाण यहां पर पता चल रहा है. जानकार बताते हैं कि यह गांव भगवान बुद्ध की उपासना का स्थल है. यहां पर रहने वाले लोगों के पूर्वज भी भगवान बुद्ध के उपासक रह चुके है और यह परम्परा कायम है. यहां एक पुराना काले ग्रेनाइट की प्रतिमा सुरक्षित जमीन पर स्थापित है, जिसके सर कटे हुए हैं. यहां पर लोग भगवान की अलग-अलग रूप से इन सभी चीजों की पूजा करते हैं
रिपोर्ट – रोहित कुमार
दरअसल मुंगेर जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर असरगंज प्रखंड के लगमा गांव भगवान बुद्ध की उपासना का स्थल है. यहां पर रहने वाले दलित समाज के लोगों के पूर्वज भी भगवान बुद्ध के उपासक रह चुके हैं और आज भी जो गांव के लोग हैं, वह भगवान बुद्ध के उपासक हैं. इस गांव के बीचो बीच एक पुराने काले ग्रेनाइट की प्रतिमा सुरक्षित जमीन पर स्थापित है, जिसके सर कटे हुए हैं. लोग इस प्रतिमा को मुड़ कटवा बाबा के नाम से भी संबोधित करते हैं. लेकिन इस प्रतिमा की बैठने का आसान जिस प्रकार है वह बिल्कुल भगवान बुद्ध की तरह ही है. इसलिए लोग इसे भगवान बुद्ध की प्रतिमा बता रहे हैं. साथ ही इसे गांव के बीच खेत में तीन बड़े पत्थर हैं जिस पर अलग-अलग चित्र बने हैं जो किसी भगवान या महान पुरुष चित्र जैसा लगता है.
इस गांव के कई ग्रामीणों ने बताया कि हमारे पूरे गांव में कई चमत्कारी चीज है देश के बारे में हमारे तीन चार पीड़ित पीछे के लोगों ने भी नहीं बता सका कि यह क्या चीज है यहां पर भगवान बुद्ध के तपस्या और उनके रहने की कई गवाह दिखाई देते हैं हम लोग भगवान भोलेनाथ, भगवान बुद्ध नाथ सहित अलग-अलग रूप से इन सभी चीजों की कई सालों से पूजा करते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां तीन बड़े पत्थर पर भगवान बुद्ध के चित्र जैसे प्रतिमा बनी हुई है इसी के आसपास एक बड़ा सा चट्टान है जो अभी जमीन के लगभग 10 फीट नीचे है अगर उसकी खुदाई की जाए तो संभवत: उसके नीचे और भी बहुत सी रहस्यमय चीजें मिल सकती है। वही लोगों ने आगे बताया कि गांव के ही कुछ लोग के द्वारा इस चट्टान को बाहर निकालने का प्रयास किया गया था लेकिन वह चट्टान और जमीन में ही धस्ता चला गया है जिसके बाद लोगों ने इसे चमत्कार मान कर उसे छोड़ दिया।