इंजीनियर से आईएएस बने डीएम ने इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के प्रोफेसर बन ली क्लास बच्चो के इंजीनियरिंग से जुड़े पूछे कई सवाल तो छात्रों द्वारा पूछे कई सवालों का भी दिया जबाव तो वहीं इंजीनियरिंग के छात्रों के साथ मेस में खिचड़ी खाकर डीएम ने बांटा अपना अनुभव, बोले – यह ग्रोविंग पीरियड है, सिर्फ पढ़ाई पर करें फोकस । तो छात्रों ने भी कहा की डीएम हो तो ऐसा ही।
रिपोर्ट – रोहित कुमार
दरअसल मुंगेर वर्ष 1995 में एनआईटी से इंजीनियर उसके बाद एमटेक कर आईएएस बने मुंगेर डीएम नवीन कुमार चुरंबा स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज पहुंचे। वहां इंजीनियरिंग कॉलेज के विभिन्न ट्रेड के के छात्रों के साथ बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनी और इंजीनियरिंग की पढ़ाई से संबंधित कुछ जरूरी टिप्स दिए। वहीं प्रोफेसर बन इंजीनियरिंग के छात्रों को इंजीनियरिंग से जुड़े कई सवाल छात्रों से किए । और खुद भी छात्रों से कई सवाल ले उनके जवाब भी दिए । साथ ही कई छात्रों द्वारा दिए गए उत्तर पर डीएम ने प्रसन्नता जताते हुए उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वह खुद इंजीनियर से आईएएस बने हैं।
वर्ष 1995 में एनआईटी पटना से इंजीनियरिंग के पश्चात एमटेक किए। उसके बाद आईएएस बनकर आपलोगों के बीच आपकी समस्या जानने आए हैं। कहा कि यहां अब फेकलटी की कमी भी दूर हो गई है। यह आपलोगों का ग्रोविंग पीरियड है आप लोग कंसन्ट्रेट होकर सिर्फ पढ़ाई करें और किसी चीज पर ध्यान नहीं दें। बच्चों की क्लास लेने के पश्चात डीएम ने इंजीनियरिंग कॉलेज का हॉस्टल और मेस का जायजा लिया। मेस में छात्रों से खिचड़ी-चोखा खाकर बांटा अनुभव मेस का जायजा लेने जब डीएम पहुंचे तो वहां कुछ बच्चे खिचड़ी-चोखा खाते मिले।
इस पर डीएम ने प्राचार्य से कहा कि वह भी खाना खाएंगे। तत्पश्चात डीएम ने बच्चों के साथ खिचड़ी-चोखा खाया इस दरम्यान बच्चों के बीच अपने इंजीनियरिंग की पढ़ाई का अनुभव साझा करते हुए बच्चों की समस्याएं भी सुनी। और कई इंजीनियरिंग कॉलेज से जुड़े कई खट्टे मीठे अनुभव साझा किया । जानकारी के अनुसार की सेशन मिला अभी 700 बच्चे इस कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहे है ।डीएम ने कहा कि इंजीनियरिंग कालेज के छात्रों से आज वे मुलाकात करने आए है । और उनकी समस्या और पढ़ाई से जुड़ समय को भी जान । सरकार हर तरह की सुविधा दे रही है। उसी का जायजा लेने वह आए हैं, हॉस्टल, लाइब्रेरी, मेस, क्लासरूम आदि का जायजा लिया गया। कुछ कमी नजर आई है, जिसके समाधान के लिए वे सचिव से बात करेंगे।
जब इंजीनियरिंग कॉलेज के अंदर क्लास रूम में बच्चों से बातचीत करते डीएम एक प्रोफेसर की तरह बच्चो को पढ़ाने लगे तो सभी छात्र दंग रह गए । फिर तो डीएम और छात्रों के बीच इंजीनियरिंग से जुड़ सवाल और जबाब का कई दौर चला । छात्रों ने भी इस स्पेशल क्लास का काफी फायदा उठाया । और कई अनूठी चीजें भी जानी जो इंजीनियरिंग से जुड़े थे। छात्रों ने कहा की यह पहली बार है की कोई डीएम जो खुद एक इंजीनियर है वो उन बच्चो को पढ़ा रहे है । छात्रों ने कहा डीएम के द्वार बताए गए टिप्स और अनुभव इंजीनियरिंग में उनकी काफी मदद करेगा । साथ ही छात्रों ने डीएम के साथ फोटो भी खिंचाया।