मुंगेर विश्वविद्यालय के लिए नया साल होगा काफी महत्वपूर्ण जानिए क्यों

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दरअसल मुंगेर विश्वविद्यालय के लिये नया साल वैसे ही काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि नये साल में जहां एमयू के लिये स्थायी कुलपति मिल सकता है। तो वहीं नये साल में एमयू को सरकार से अपने 21 पीजी विभागों के लिये पदों की स्वीकृति मिलने की आस सबसे बड़ी होगी। हालांकि एमयू प्रशासन पिछले दो सालों से अपने पीजी विभागों के लिये पदों की स्वीकृति को लेकर प्रयास कर रही है, लेकिन अबतक एमयू को इसकी स्वीकृति सरकार से नहीं मिल पायी है।

वही बता चले कि एमयू द्वारा साल 2022 में ही 20 पीजी विभागों की शुरूआत की गयी थी। जबकि इस साल ही आईआरपीएम में भी पीजी विभाग आरंभ किया गया है, लेकिन पिछले दो सालों से एमयू को अपने पीजी विभागों के लिये सरकार से पद सृजन की स्वीकृति नहीं मिल पायी है। ऐसे में एमयू के पीजी विभाग बिना पद सृजन के ही चल रहे हैं।

हद तो यह है कि बिना पद सृजित पीजी विभाग के दो सत्र भी अबतक समाप्त हो चुके हैं। वहीं अब नया साल आने वाला है। ऐसे में अब एमयू को नये साल में सरकार से अपने पीजी विभागों के लिये पदों की स्वीकृति ही सबसे बड़ी उम्मीद है।

वही इस के साथ साथ नये साल में एमयू के 17 अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत इकोनॉमिक्स तथा पॉलिटिकल साइंस के शिक्षकों को भी अपने लंबित प्रमोशन मिलने की आस होगी। जिसे पूरा करना विश्वविद्यालय के लिये बड़ी जिम्मेदारी होगी। इतना ही नहीं नये साल में कई अनुकंपा आश्रितों को भी अपनी नियुक्ति की आस होगी। जो लंबे समय से विश्वविद्यालय के आश्वासन पर बैठे हैं।

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हलांकि विश्वविद्यालय अब नये साल में ही खुलेंगे, लेकिन नये साल में एमयू के लिये सबसे बड़ी चुनौती अवकाश के पूर्व से चल रहे आउटसोर्सिंग कर्मियों का हड़ताल समाप्त कराना होगा। जो नये साल में विश्वविद्यालय खुलने के बाद सबसे बड़ी चुनौती होगी।

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