मुंगेर में एससी-एसटी के विशेष न्यायाधीश ने हत्या मामले में 6 साल बाद 5 आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

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मुंगेर में मीना देवी के हत्या मामलें में 6 साल के बाद 5 दोषियों को आजीवन कारावास कि सजा। और 20 -20 हजार रुपया का लगाया जुर्माना । वर्ष 2017 में बरियारपुर थाना क्षेत्र के धोरघट रघुनाथपुर गांव में भैंस चराने के विवाद में मीना देवी की हुई थी हत्या। एससी/एसटी के विशेष न्यायाधीश सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गुंजन पांडेय ने 5 आरोपियों को सुनाई सजा।

दरअसल मुंगेर के बरियारपुर थाना क्षेत्र के धोरघट के रघुनाथपुर गांव के मीना देवी के हत्या मामलें में एससी/एसटी के विशेष न्यायाधीश सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गुंजन पांडेय ने 5 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 20-20 हजार रुपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। न्यायालय ने एससी/एसटी वाद 45/2017 एवं बरियारपुर थाना कांड 34/2017 में बचाव पक्ष के वरीय तीन अघिवक्ता एवं अभियोजन पक्ष का दलील सुनने के बाद 5 दोषियों मिथुन रजक,सिकंदर रजक,बंमबम रजक ,नंदलाल मंडल,एवं फोकल मंडल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही साथ 20-20 हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया है। वहीं छठे अभियुक्त पंकज रजक के मामले को पृथक कर दिया गया।
गौरतलब हो कि बीते 28 मार्च को न्यायालय ने सभी अभियुक्तों को दोषी करार दिया था। बहस में एससी/एसटी के विशेष लोक अभियोजक हरि नारायण प्रसाद ने भाग लिया। लोक अभियोजक ने बताया कि 26 मार्च 2017 को सूचक श्याम सुंदर रजक अपने पत्नी मीना देवी के साथ भैंस चलाकर वापस गांव लौट रहे थे। इसी दौरान अभियुक्तों ने सूचक एवं उसके पत्नी को गाली-गलौज किया विरोध करने पर अभियुक्तों ने दम्पति को लाठी एवं लोहे के रड से मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया लेकिन इलाज के दौरान उसके पत्नी मीना देवी का मौत हो गया। इस मामले में बरियारपुर थाना में कांड संख्या 34/2017 दर्ज हुआ था। जिसके बाद कानूनी प्रक्रिया और गवाहों के गुजरने के 6 साल के बाद मुंगेर न्यायालय के एससी/एसटी वाद संख्या 45/2017 में विशेष न्यायाधीश के कोर्ट ने सजा सुनाई है।

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