मुंगेर के असरगंज में स्कूल के लिए बना भवन और सामुदायिक केंद भवन पशु रखने के लिए बना तबेला। ग्रामीणों ने बताया कि भवन निर्माण से अभी तक इस विद्यालय में एक भी दिन नहीं हुई पडाई।
दरअसल बिहार सरकार शिक्षा विभाग को लेकर लाख दावे कर रहे हैं जहां एक तस्वीर शिक्षा विभाग का पोल खोलने का काम कर रही है। मामला मुंगेर जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर असरगंज प्रखंड के जोरारी पंचायत अंतर्गत आशा जोरारी मुस्लिम मोहल्ले का है। जहां बिहार सरकार के द्वारा बच्चे को शिक्षा ग्रहण करने को लेकर दो कमरे का भवन एवं शौचालय का निर्माण तो करा दिया गया लेकिन भवन में एक भी दिन पढ़ाई नहीं हुई जिससे दो कमरे का भवन अब खंडहर में तब्दील हो गया है । साथ ही ग्रामीणों के द्वारा अतिक्रमणकारियों की चपेट में है। उक्त भवन को गौशाला के प्रयोग में लाया जा रहा है।
जहां क्लासरूम में ब्लैक बोर्ड तो लगा हुआ है लेकिन पढ़ने और पढ़ाने वाले कोई नहीं है । साथ ही स्कूल के बगल में बना सामुदायिक भवन कि भी वही स्थिति है। अतिक्रमणकारियों ने उस भवन को भी गोशाला में तब्दील कर दीवारों पे उपले ठोंक दिया है । ग्रामीणों ने बताया कि जब से यह स्कूल बना है तब से यहां एक भी दिन पढ़ाई नहीं हुआ है । और स्थानीय लोगों ने उसपे अतिक्रमण कर लिया । और सरकार का पैसा पानी में चला गया । वही पंचायत के मुखिया ने कहा कि सरकार एवं शिक्षा विभाग से आशा जोरारी मुस्लिम मोहल्ला में उस भवन को पुनः मरम्मत कर एक उर्दू प्राथमिक विद्यालय बना दिया जाय।