सुल्तानगंज – कटोरिया रेल लाइन का काम जल्द होगा शुरू, शिवभक्तों को मिलेगी बड़ी सौगात। लोगों को लंबे समय से थी इसकी मांग।
बिहार के सुल्तानगंज से कटोरिया के बीच लंबे समय से प्रस्तावित रेल परियोजना को आखिरकार हरी झंडी मिल गई है। भारतीय रेल ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू करने का फैसला लिया है। इस लाइन के बन जाने से न सिर्फ भागलपुर, बांका और मुंगेर जिले के लोगों को लाभ होगा, बल्कि देशभर के शिवभक्तों के लिए यह एक बड़ी सौगात साबित होगी। विशेषकर सावन माह में जब लाखों की संख्या में कांवरिया गंगा जल लेकर देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं, तब इस रेल लाइन के शुरू हो जाने से उनकी यात्रा काफी सुगम हो जाएगी।
74.8 किलोमीटर लंबा नया रेल खंड
सुल्तानगंज से कटोरिया तक प्रस्तावित रेल लाइन की कुल लंबाई 74.8 किलोमीटर होगी। यह रेल लाइन असरगंज, तारापुर और बेलहर के रास्ते होकर गुजरेगी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण स्टेशनों को भी जोड़ा जाएगा। इनमें सुल्तानगंज, असरगंज, तारापुर, बेलहर, श्रीनगर और सूयाबथान जैसे प्रमुख ठहराव शामिल होंगे। इस परियोजना में कटोरिया स्टेशन को जंक्शन का दर्जा दिया जाएगा। जिससे आगे जसीडीह और बांका की ओर रेल यातायात और बेहतर होगा। बताते चलें कि वर्तमान में सुल्तानगंज से देवघर तक की दूरी लगभग 131 किलोमीटर है। यात्रियों को यह दूरी तय करने के लिए भागलपुर और बांका होकर जाना पड़ता है। जिससे समय और किराया दोनों अधिक लगता है। लेकिन नई लाइन बन जाने के बाद यह दूरी घटकर लगभग 101 किलोमीटर रह जाएगी। इससे यात्रियों का समय बचेगा और यात्रा और भी सुविधाजनक हो जाएगी।
लाखों श्रद्धालुओं को होगा फायदा
बताते चलें कि हर साल सावन के महीने में सुल्तानगंज का महत्व और भी बढ़ जाता है। यहां गंगा नदी से जल लेकर लाखों कांवरिया लगभग 105 किलोमीटर पैदल यात्रा कर देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा श्रावणी मेला होता है। इस अवधि में रेल और सड़क मार्ग पर भारी भीड़ रहती है। जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन नई रेल लाइन शुरू हो जाने के बाद श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान काफी राहत मिलेगी। जिसमे रेलगाड़ियों की सीधी कनेक्टिविटी से भक्त आसानी से सुल्तानगंज से देवघर तक पहुंच सकेंगे। इसके साथ ही इस इलाके की धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
लगभग 1261 करोड़ की लागत
मिली जानकारी के अनुसार रेल मंत्रालय के नवीनतम अनुमानों के मुताबिक इस पूरी परियोजना पर लगभग 1261 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इस बजट में जमीन अधिग्रहण, स्टेशन निर्माण, ट्रैक बिछाने, पुल-पुलिया निर्माण और अन्य तकनीकी कार्य शामिल होंगे। परियोजना के पूरा हो जाने पर यह क्षेत्र बिहार के विकास में एक नई पहचान बनाएगा।
स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
वही सुल्तानगंज-कटोरिया रेल लाइन बनने से सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी क्षेत्र का विकास होगा। जिसमे मुंगेर जिले के असरगंज, तारापुर और बेलहर जैसे कस्बे प्रत्यक्ष रूप से रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। इससे यहां के व्यापार और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी। कृषि उत्पाद और अन्य सामानों का परिवहन भी तेजी से हो सकेगा, जिससे किसानों और व्यापारियों दोनों को लाभ होगा।
पर्यटन और उद्योग को बढ़ावा
सुल्तानगंज पहले से ही धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र है। गंगा किनारे स्थित सुल्तानगंज के आज देवी नाथ धाम के संगम पर हर साल लाखों श्रद्धालु गंगा जल भरते हैं। और देवघर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। और कटोरिया और आसपास के इलाकों में भी कई ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल मौजूद हैं। रेल लाइन बनने से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा। इसके अलावा, इस क्षेत्र में छोटे उद्योगों और हस्तशिल्प को भी नए बाजार मिलेंगे। परिवहन सुविधा बेहतर होने से निवेशकों की रुचि भी बढ़ेगी।
सुल्तानगंज और देवघर के बीच मजबूत कनेक्टिविटी
नई लाइन बनने के बाद सुल्तानगंज और देवघर के बीच रेल कनेक्टिविटी और भी बेहतर होगी। अभी तक लोगों को भागलपुर या बांका होकर जाना पड़ता है। जिसमें समय ज्यादा लगता है। नई रेल लाइन सीधा रास्ता उपलब्ध कराएगी। जिससे यात्री कुछ ही घंटों में सुल्तानगंज से देवघर पहुंच सकेंगे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, परियोजना के प्रारंभिक कार्य जैसे सर्वे और डिजाइन का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इसका निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। वही इस को लेकर मुंगेर, भागलपुर बांका के लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। क्योंकि इसकी मांग काफी लंबे समय से लोगों के द्वारा की जा रही थी। और आखिर कर उनका सपना साकार हुआ जिसको लेकर लोगों में काफी उत्साह है। और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।