मुंगेर विश्वविद्यालय के विभिन्न संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारियों ने दिया धरना, केके पाठक के द्वारा दिए गए निर्देशो से हैं नाराज जानिए क्या है मांगे

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मुंगेर में बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के बैनर तले मुंगेर विश्वविद्यालय के विभिन्न संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक एवं कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में विश्वविद्यालय के समक्ष किया धरना प्रदर्शन. महासंघ के अधिकारी और कर्मचारियों से कुलसचिव ने की मुलाकात।

रिपोर्ट – रोहित कुमार

मुंगेर विश्वविद्यालय मुख्यालय में मंगलवार को बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के अह्वान पर मुंगेर विश्वविद्यालय ईकाई संघ के बैनर तले संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों ने विश्वविद्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया. जिसका नेतृत्व महासंघ मुंगेर प्रक्षेत्र के अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सिंह ने किया. इस दौरान शिक्षकों और कर्मियों ने अपने मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की।

वही अध्यक्ष ने कहा कि महासंघ के 6 राज्य स्तरीय तथा 8 विश्वविद्यालय स्तरीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया है. उनकी प्रमुख मांगों में सीनेट एवं सिंडिकेट चुनाव कराने, 2018 से अबतक प्रायोगिक परीक्षा मूल्यांकन राशि का भुगतान करने, वीक्षण कार्य के बकाये का भुगतान करने, एकेडमिक काउंसिल में संबद्ध कॉलेजों को रोटेशन के आधार पर शामिल करने सहित अन्य है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा संबद्ध कॉलेजों की संबद्धता समाप्त करने का जो निर्देश दिया गया है. वह सरासर संबद्ध कॉलेजों के साथ अन्याय है।

वही यदि कोई शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी महाविद्यालय नहीं आते हैं तो इसकी सजा सभी शिक्षकों और कर्मियों को नहीं दी जा सकती है. एमएस कॉलेज, अलौली सोनिहार के फिलॉस्फी के विभागाध्यक्ष डॉ राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि 2018 में एमयू की स्थापना काल से ही संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को प्रयोगिक परीक्षा सहित मूल्यांकन कार्य में लगाया जाता है. लेकिन प्रायोगिक परीक्षा का भुगतान पांच साल में विश्वविद्यालय द्वारा एक बार भी नहीं किया गया. वहीं कई शिक्षकों को अबतक स्नातक पार्ट-1 व 2 मूल्यांकन कार्य का बकाया भी नहीं मिल पाया है।

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उन्होंने कहा कि जब संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों से अंगीभूत कॉलेजों की तरह काम कराया जा रहा है तो सुविधायें भी अंगीभूत कॉलेजों की तरह ही मिलनी चाहिये. मौके पर कार्तिक शंकर सिंह, सुधा कुमारी, अरूण कुमार सिंह, अमन कुमार शर्मा, नरेश कुमार, अरविंद कुमार सिंह, विश्वेश्वर शर्मा, अजय कुमार, मधुसूदन प्रसाद सिंह, गणेश कुमार, राजेश कुमार पांडेय, दीपक कुमार, शशिभूषण चौरसिया आदि मौजूद थे.

विश्वविद्यालय के समक्ष धरने पर बैठे संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों से कुलसचिव ने मुलाकात की. इस दौरान उनके साथ डीएसडब्लू डॉ भवेशचंद्र पांडेय, परीक्षा नियंत्रक डॉ रामाशीष पूर्वे, एफओ डॉ रंजन कुमार, ग्रिवांस सेल के अधिकारी डॉ गिरिशचंद्र पांडेय और पीआरओ डॉ प्रियरंजन तिवारी थे. जहां कुलसचिव ने संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों के मूल्यांकन और प्रायोगिक परीक्षा के बकाये की मांग को लेकर कहा कि पूर्व के बकाये की जानकारी ली जायेगी. जबकि नये मूल्यांकन और प्रायोगिक परीक्षा का भुगतान किया जायेगा. वहीं जो भी परेशानी विश्वविद्यालय स्तर से है. उसका निष्पादन जल्द से जल्द करने का प्रयास किया जायेगा.

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