मुंगेर कोर्ट ने बलात्कारी शिक्षक को सुनाई सात साल कारावास की सजा, ट्यूशन पढ़ने गई अपने ही छात्रा से किया था बलात्कार, 10 साल के लंबे इंतजार के बाद पीड़िता को मिला न्याय

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मुंगेर में 13 साल के लंबे इंतजार के बाद पीड़िता को मिला न्याय । नाबालिग के साथ बलात्कार मामले में मुंगेर व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश प्रथम गुंजन पांडेय के कोर्ट ने सात साल कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार रूपए का आर्थिक जुर्माना लगाया । जुर्माना अदा नहीं करने पर 3 माह की अतरिक्त सजा दी गई।

दरअसल मुंगेर में 13 वर्ष पूर्व नाबालिग के साथ बलात्कार मामले में आज गुंजन पांडेय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रथम मुंगरे के न्यायालय से सत्रवाद संख्या 42/2004 पे दोष सिद्ध अभियुक्त मो जिलानी को ipc की धारा 376 के अंतर्गत दोषी पाकर 7 साल सश्रम कारावास की सजा दी गयी है। और 10 हजार रुपया जुर्माना भी लगाया जुर्माना की राशि नही देने पर 3 माह अतरिक्त सजा सुनाया गया । सजा के बिंदु पर बचाव पक्ष से अधिवक्ता बिरेंद्र कुमार ने बहस किया तो वहीं सरकार के तरफ से इस मामले में सजा के बिंदु पर बहस कर रहे अपर लोक अभियोजक गौतम कुमार ठाकुर ने बताया की उक्त घटना मुफसिल थाना कांड संख्या 10/2010 से सम्बन्धित है।

वही घटना यह है की मो0 जिलानी जो की अपने घर में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम किया करता था । और नाबालिग पीड़िता भी उसी के यहां ट्यूशन पढ़ने जाया करती थी। कि 29.01.2010 को 04वजे शाम में जब नाबालिग पीड़िता जब पढ़ने गई और पढ़ाने के दौरान प्राइवेट शिक्षक मो0 जिलानी पीड़िता के साथ डरा धमका कर ब्लातकार किया । इज्जत बचाने के लिए पीड़िता रोने चिल्लाने लगी तो अभियुक्त ने अपने हाथ से पीड़िता के मुँह दवा दिया और बलात्कार की घिनौनी घटना को अंजाम दे दिया । साथ ही इस बात को घर में बताने पर जान मारने की धमकी दी।

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साथ ही पीड़िता को लुभाने के लिए घटना के एक दिन पहले पीड़िता से स्कॉलरशिप दिलाने के नाम पर एक कागज पर दस्तखत भी करवाया था । मामला का तब खुलासा हुआ जब घटना की एक दिन के बाद पीड़िता ने ट्यूशन जाने से मना कर दिया और कारण पूछे जाने पर पीड़िता ने अपनी मां को सारा घटना क्रम विस्तार पूर्वक बताया । जिसके बाद इस मामले को ले परिजनों ने मुफस्सिल थाना में कांड दर्ज करवाया। जिसके बाद आज कोट के द्वारा यह सजा सुनाई गई है।

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