आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, योग की बात हो मुंगेर का जिक्र ना हो यह हो ही नहीं सकता, जानिए योग नगरी के नाम से प्रसिद्ध मुंगेर की कहानी

Share With Friends or Family

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आज मनाया जा रहा है. योग की बात हो तो मुंगेर का जिक्र न हो ये हो ही नही सकता है . जन-जन तक योग को पहुंचाने में बिहार स्कूल ऑफ योगा और इसके संस्थापक स्वामी सत्यानंद सरस्वती का खासा योगदान है. मुंगेर में इसके मद्देनजर नवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां कर ली गई हैं.

रिपोर्ट – रोहित कुमार

दरअसल मुंगेर योगनगरी के नाम से प्रसिद्ध मुंगेर में योग दिवस की अलग ही छटा होती है. आज नवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए पूरा शहर तैयार है. यहां प्रसिद्ध बिहार योग विद्यालय (योग आश्रम) है, जिसके कारण शहर में इस दिन के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं. मुंगेर में 1964 में स्थापित बिहार योग विद्यालय सत्यानन्द योग के नाम से पूरे विश्व में योग का प्रचार-प्रसार करता है. योग दिवस के मौके पर बिहार स्कूल ऑफ़ योगा ही नहीं, बल्कि पूरा मुंगेर योग के रंग में रंग जाता है. मुख्यालय से लेकर प्रखंडों तक सभी जगहों पर योग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

योगाश्रम में विदेश से भी लोग यहां योग सीखने आते हैं.बिहार योग विद्यालय की दुनिया के 77 देशों में शाखाएं हैं. योगाश्रम के वर्तमान कर्ता धर्ता स्वामी निरंजनानंद सरस्वती को योग के क्षेत्र में अतिविशिष्ठ कार्य के लिए पद्म भूषण और प्रधानमंत्री सम्मान से नवाजा जा चुका है. योग आश्रम से 40 वर्षों से जुड़े शिव कुमार रूंगटा बताते हैं कि आज मुंगेर का नाम केवल राज्य और देश ही नहीं, बल्कि वैश्विक पटल पर योगनगरी के रूप में जाना जाता है. सत्यानंद योग के नाम से प्रचलित योग आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है.

इसे भी पढ़ें :  मुंगेर के लोगों को अब मिलेगा LPG से सस्ती गैस, पीएनजी गैस का हुआ उद्घाटन, इतने रुपए में हो रहा कनेक्शन

योग को वैश्विक पटल पर मान्यता दिलाने के प्रधानमंत्री का कदम मील का पत्‍थर साबित हुआ है।।योग निरोग रहने का माध्यम ही नहीं, बल्कि योग की जीवन पद्धति और इस योग को जन-जन तक पहुंचाने में योग आश्रम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. संजय कुमार बबलू बताते है की , योग दिवस और मुंगेर का एक गहरा संबंध रहा है. कोरोना ने जब वैश्विक महामारी का रूप ले लिया तो इससे लड़ने के लिए सबसे जरूरी चीज जो है शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए. इसमें योग का एक महत्वपूर्ण स्थान है. नियमित रूप से योग करने पर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है.

बिहार स्कूल ऑफ योगा के बाद अब मुंगेर यूनिवर्सिटी भी योग को अपने पाठ्यक्रम में शामिल कर डिप्लोमा कोर्स करवाने की तैयारी कर रही है. आज कई संस्थान अपने कर्मचारी को मानसिक और शारीरिक तौर से फिट रखने के लिए योग का सहारा ले रहे हैं, इसके लिए वे अपने यहां योगाचार्य भी रखते हैं. ऐसे में युवाओं के लिए योग अब रोजगार का साधन भी बनता जा रहा है.

Share With Friends or Family

Leave a Comment