मुंगेर के बरियारपुर में प्रशासन ने NH80 पर 22 रैयतों के मकानों को किया ध्वस्त, मुआवजा नहीं मिला

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मुंगेर जिले के बरियारपुर में स्थित NH80 पर बने बादशाही पुल के निर्माण कार्य में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने 22 रैयतों के घरों को अतिक्रमण मुक्त करा दिया। प्रशासन ने यह कार्रवाई बिना किसी मुआवजा दिए की, जिससे स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई, जिसमें बुलडोजर चलाकर सभी मकानों को ध्वस्त कर दिया गया।

कई वर्षों से लंबित था पुल का निर्माण कार्य

दरअसल, बादशाही पुल का निर्माण कार्य कई वर्षों से लंबित पड़ा हुआ था। इस पुल के निर्माण के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं थी, जिससे पुल का चौड़ीकरण संभव नहीं हो पा रहा था। इसके कारण इस पुल का निर्माण अधर में लटका हुआ था। इसी समस्या को हल करने के लिए जिला प्रशासन ने आसपास के 22 रैयतों के घरों को अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्णय लिया और बुलडोजर की मदद से सभी मकानों को गिरा दिया।

प्रशासन ने गैर-मजरूआ जमीन का दिया हवाला

स्थानीय लोगों के अनुसार, जिला प्रशासन ने बिना किसी मुआवजे के उनके घरों को यह कहते हुए गिरा दिया कि यह जमीन गैर-मजरूआ है और सरकार इसके लिए कोई मुआवजा नहीं देगी। प्रशासन का कहना है कि इस जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया गया था, जबकि स्थानीय लोग इस दावे को खारिज कर रहे हैं।

70-75 वर्षों से रह रहे थे प्रभावित परिवार

प्रभावित परिवारों के अनुसार, वे पिछले 70-75 वर्षों से इस जमीन पर बसे हुए थे और उन्होंने अपनी जमीन का केवला (मालिकाना प्रमाण पत्र) भी दिखाया। इतना ही नहीं, वे अब तक अंचल कार्यालय को लगान भी अदा कर रहे थे। इसके बावजूद प्रशासन ने उनके घरों को अवैध कब्जा मानते हुए मकानों को ध्वस्त कर दिया।

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स्थानीय लोगों में आक्रोश, उचित मुआवजे की मांग

इस कार्रवाई के बाद से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर पुल निर्माण के लिए उनकी जमीन ली जा रही है, तो उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए। प्रभावित परिवारों ने प्रशासन से मुआवजा और पुनर्वास की मांग की है। वहीं, कुछ लोगों ने इस कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बताते हुए सरकार से हस्तक्षेप की अपील की है।

प्रशासन की सफाई

जिला प्रशासन का कहना है कि यह जमीन सरकारी रिकॉर्ड में गैर-मजरूआ भूमि के रूप में दर्ज है, जिस पर लोगों ने अवैध रूप से मकान बना लिए थे। इसलिए प्रशासन ने पुल निर्माण के मार्ग को साफ करने के लिए यह कार्रवाई की। प्रशासन का दावा है कि पुल का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाएगा, जिससे हजारों लोगों को लाभ मिलेगा।

अधिकारियों की चुप्पी और राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस मुद्दे पर स्थानीय प्रशासन के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। वहीं, राजनीतिक दलों ने भी इस मामले को उठाना शुरू कर दिया है। कई जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन की इस कार्रवाई की निंदा की है और प्रभावित परिवारों को न्याय दिलाने की बात कही है।

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