मुंगेर जिले में एक बहुत ही दुखद घटना घटी, जहां भैंसों को नहलाने गए एक 10 वर्षीय बालक की गंगा में डूबकर मौत हो गई। यह दुखद घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के तौफीर करारी टोला में हुई, जहां पशुपालक रणजीत यादव का बड़ा बेटा शुभम कुमार अपने पशुओं को नहलाने के लिए गंगा घाट पर गया था।
घटना का पूरा विवरण
गांव के अन्य पशुपालकों की तरह शुभम कुमार भी अपनी भैंसों को नहलाने के लिए नजदीकी गंगा घाट पर गया था। वहां कई अन्य पशुपालक भी अपने पशुधन को नहलाने में लगे हुए थे। शुभम भी अपनी भैंसों को पानी में ले गया और धीरे-धीरे वह गंगा के अंदर आगे बढ़ता चला गया। प्रारंभ में सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन देखते ही देखते वह गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा।
बचाव प्रयास और असफलता
शुभम जब डूबने लगा तो घाट पर मौजूद अन्य लोग उसकी ओर दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जब तक लोग उसे बचाने के लिए पानी में उतरे, वह गंगा की गहराई में समा चुका था। घाट पर हाहाकार मच गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत शुभम की तलाश शुरू कर दी। काफी मशक्कत के बाद बच्चे को पानी से बाहर निकाला गया और आनन-फानन में मुंगेर सदर अस्पताल ले जाया गया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
मुंगेर सदर अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने शुभम कुमार को मृत घोषित कर दिया। इस खबर के बाद परिवार में कोहराम मच गया। मृतक के माता-पिता और अन्य परिजन रो-रोकर बेहाल हो गए। आसपास के लोग भी परिवार को सांत्वना देने पहुंचे, लेकिन यह दुख इतना गहरा था कि किसी भी शब्द से उन्हें शांति नहीं मिल रही थी।
गांव में शोक की लहर
गांव में जैसे ही यह खबर फैली, पूरे इलाके में मातम छा गया। शुभम के पिता रणजीत यादव के दो बेटे थे, जिनमें से शुभम सबसे बड़ा था। पूरे गांव में गमगीन माहौल बन गया और हर कोई इस दर्दनाक घटना पर दुख जता रहा था। शुभम के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जिसे देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं।
विधायक ने व्यक्त की संवेदना
घटना की जानकारी मिलते ही मुंगेर के विधायक प्रणव कुमार भी मृतक के परिवार से मिलने सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की और प्रशासन से इस मामले में पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करने की अपील की।
गंगा घाटों पर सुरक्षा की जरूरत
इस घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है कि गंगा घाटों पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। हर साल इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कोई ठोस उपाय नहीं किए जाते। गांव वालों ने प्रशासन से मांग की है कि गंगा घाटों पर सुरक्षा के लिए गोताखोरों की व्यवस्था की जाए और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
मृत्यु
शुभम कुमार की असमय मौत ने उसके परिवार को गहरे दुख में डाल दिया है। एक मासूम बच्चा, जो सिर्फ अपने पशुओं को नहलाने गया था, उसकी जान चली गई। यह हादसा पूरे गांव के लिए एक सीख भी है कि गंगा में नहाने या तैराकी करने के दौरान सावधानी बरतना कितना जरूरी है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए, ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह के दर्द से न गुजरे