बिहार के ऐतिहासिक जिलों में शुमार मुंगेर अब खेल के क्षेत्र में भी अपनी पहचान मजबूत करने की दिशा में अग्रसर हो रहा है। जिले के बीचोंबीच स्थित ऐतिहासिक पोलो मैदान में अब आधुनिक सुविधाओं से लैस एक भव्य स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। यह खबर जैसे ही सामने आई, पूरे जिले के खेलप्रेमियों, विशेषकर खिलाड़ियों के बीच उत्साह की लहर दौड़ गई।
प्रशासन ने भेजा खेल विभाग को प्रस्ताव
मुंगेर जिला प्रशासन की ओर से इस दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। जिला प्रशासन ने पोलो मैदान को प्रमंडलीय स्तरीय स्टेडियम में तब्दील करने के लिए बिहार सरकार के खेल विभाग को प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव जैसे ही सामने आया, खिलाड़ियों के चेहरों पर उम्मीद की चमक लौट आई। वर्षों से एक सुव्यवस्थित खेल परिसर की मांग कर रहे खिलाड़ी अब राहत की सांस लेते नजर आ रहे हैं।
डीएम अवनीश कुमार सिंह की पहल सराहनीय
मुंगेर के जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने इस दिशा में अपनी गंभीरता दिखाई है। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रत्येक प्रमंडल में एक आधुनिक स्टेडियम का निर्माण किया जाना है। इसी क्रम में मुंगेर के ऐतिहासिक पोलो मैदान का चयन किया गया है। यह स्टेडियम न केवल खेल के विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि खिलाड़ियों के लिए एक संरक्षित और सुविधायुक्त अभ्यास स्थल भी बनेगा।
खिलाड़ियों की वर्षों पुरानी मांग होगी पूरी
मुंगेर में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, परंतु सुविधाओं के अभाव में ये प्रतिभाएं दम तोड़ती रही हैं। एक भव्य और सुव्यवस्थित स्टेडियम की कमी खिलाड़ियों को हमेशा खलती रही है। स्टेडियम न होने की वजह से खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के दौरान कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता रहा है। न सही ट्रैक, न चेंजिंग रूम, न वॉशरूम और न ही बैठने की कोई उचित व्यवस्था—इन सभी कमियों के बीच खिलाड़ी अपनी मेहनत को अंजाम देते रहे हैं। परंतु अब इन तमाम समस्याओं का समाधान होते हुए दिखाई दे रहा है।
महिला खिलाड़ियों ने जताई खुशी
महिला खिलाड़ियों ने विशेष रूप से इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अब तक उन्हें अभ्यास के लिए समुचित जगह नहीं मिलती थी। खाली मैदान में न तो ढंग का ट्रैक था और न ही कोई चेंजिंग रूम या वॉशरूम। इसके कारण उन्हें भारी असुविधा होती थी, विशेषकर लंबे समय तक अभ्यास करना लगभग असंभव होता था। अब जब पोलो मैदान में स्टेडियम बनने जा रहा है, तो उन्हें भी अन्य खिलाड़ियों के समान सभी सुविधाएं मिलेंगी। इससे उनके प्रदर्शन में भी सुधार आएगा और वे बड़े स्तर पर प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए खुद को बेहतर तरीके से तैयार कर सकेंगी।
अभ्यास के लिए मिलेगा सही माहौल
एक अच्छे स्टेडियम का मतलब सिर्फ खेल का मैदान नहीं होता, बल्कि वहां मिलने वाली तमाम सुविधाएं एक खिलाड़ी की संपूर्ण विकास यात्रा का हिस्सा होती हैं। स्टेडियम में सही ट्रैक, जिम, बैठने की व्यवस्था, कोचिंग सुविधा, महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग चेंजिंग रूम, साफ-सुथरे वॉशरूम, दर्शकों के लिए स्टैंड, और खेल सामग्री की उपलब्धता जैसे पहलू बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। पोलो मैदान में जब इन सुविधाओं से युक्त आधुनिक स्टेडियम तैयार होगा, तब मुंगेर के खिलाड़ी भी राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए मजबूती से तैयारी कर सकेंगे।
खेल संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा
इस स्टेडियम के निर्माण से न सिर्फ खिलाड़ियों को लाभ होगा, बल्कि मुंगेर जिले की खेल संस्कृति को भी नई पहचान मिलेगी। जब एक शहर में अच्छे संसाधन होते हैं, तो वहां की युवा पीढ़ी खेलों की ओर आकर्षित होती है। इससे न सिर्फ शारीरिक और मानसिक विकास होता है, बल्कि अनुशासन, टीम वर्क और नेतृत्व क्षमता जैसी विशेषताएं भी विकसित होती हैं।
स्थानीय लोगों में भी उत्साह
खिलाड़ियों के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों में भी इस खबर को लेकर उत्साह है। लोग मानते हैं कि इस स्टेडियम के बनने से मुंगेर का नाम पूरे राज्य में एक नए रूप में उभरेगा। साथ ही, भविष्य में यहां राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित की जा सकेंगी, जिससे स्थानीय पर्यटन और व्यवसाय को भी लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष
मुंगेर के ऐतिहासिक पोलो मैदान में बनने वाला यह स्टेडियम सिर्फ ईंट-पत्थरों की एक संरचना नहीं होगा, बल्कि यह जिले की खेल प्रतिभाओं के लिए एक नई शुरुआत, एक नई आशा और एक सशक्त मंच साबित होगा। यह पहल मुंगेर को न केवल राज्य के खेल नक्शे पर उभारने का कार्य करेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बनेगी। मुंगेर अब खेल के मैदान में भी इतिहास रचने को तैयार है।