मुंगेर के तेघड़ा में दर्जनों कौवों की मौत से दहशत, बर्ड फ्लू की आशंका

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मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर प्रखंड के तेघड़ा गांव में दर्जनों कौवों की रहस्यमयी मौत ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। ग्रामीणों में बर्ड फ्लू जैसी घातक बीमारी फैलने की आशंका से डर का माहौल बना हुआ है। लोगों के मन में यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अचानक इतने सारे कौवे कैसे मर गए?

कई जगहों पर मृत पाए गए कौवे

गांव के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से बगीचों और खेतों के पास, कई मृत कौवे देखे गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह और दोपहर के समय आसमान से अचानक कौवे गिरने लगे और कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। ग्रामीण बिट्टू कुमार के अनुसार, तेघड़ा स्कूल के समीप बगीचे और आसपास के क्षेत्रों में यह घटनाएं ज्यादा देखने को मिली हैं। उन्होंने बताया कि पहले कौवे सामान्य रूप से उड़ते हुए दिखे, लेकिन अचानक वे नीचे गिरने लगे और कुछ देर छटपटाने के बाद उनकी मृत्यु हो गई।

पिछले वर्ष भी हुई थी ऐसी घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब तेघड़ा गांव में कौवों की मौत की घटना सामने आई हो। पिछले वर्ष भी इसी तरह बर्ड फ्लू के कारण कई कौवे मृत पाए गए थे। उस समय भी लोगों में भय का माहौल था और स्वास्थ्य विभाग ने आवश्यक जांचें की थीं। इस बार फिर से उसी तरह की स्थिति बनने लगी है, जिससे लोग बेहद चिंतित हैं।

जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय

घटना की गंभीरता को देखते हुए हवेली खड़गपुर पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। हवेली खड़गपुर के प्रभारी पशु चिकित्सा पदाधिकारी अंजार कुरैशी ने बताया कि उन्होंने बगीचे के मालिक से बात की और पाया कि बगीचे में गंदगी बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे संदेह है कि यह कोई संक्रामक रोग हो सकता है।

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कीटनाशकों के छिड़काव का प्रभाव?

प्रभारी पशु चिकित्सा पदाधिकारी के अनुसार, आसपास के खेतों और बगीचों में कीटनाशकों का छिड़काव भी हाल ही में किया गया है। ऐसे में यह भी संभव है कि कौवे इन जहरीले रसायनों के संपर्क में आने के कारण मर रहे हों। हालांकि, जब तक विस्तृत जांच नहीं हो जाती, इस पर कोई पक्की राय नहीं बनाई जा सकती।

सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे

जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. कमलदेव ने जानकारी दी कि हवेली खड़गपुर के पशु चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे मौके पर पहुंचकर मृत कौवों के सैंपल को इकट्ठा करें और कोल्ड चैन मेंटेन करते हुए उन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाए। इसके अलावा, किसी भी संभावित बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए मृत कौवों को गड्ढे में दफनाकर उन पर चूना डालने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील

पशुपालन विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से पैनिक न हों, लेकिन सतर्कता जरूर बरतें। यदि कोई और पक्षी या पशु असामान्य रूप से बीमार या मृत पाया जाता है, तो तुरंत प्रशासन को सूचना दें।

क्या बर्ड फ्लू का खतरा है?

हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इन कौवों की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई है या किसी अन्य वजह से, लेकिन विशेषज्ञ किसी भी संभावना को नकार नहीं रहे हैं। इसलिए, जांच रिपोर्ट आने तक सतर्कता बरतने और आवश्यक सावधानियां अपनाने की सलाह दी गई है।

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