यह दिव्यांग कांबरिया की कहानी सबसे अलग, नहीं यह दोनों हाथ फिर भी पैदल चले बाबाधाम जानिए कैसे करते हैं बाबा का जलाभिषेक

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मुंगेर कांबरिया पथ पर दिखा अनोखा शिव भक्त। यह वक्त दोनों हाथों से दिव्यांग होते हुए भी पैदल यात्रा पूरी कर बाबा बैधनाथ का करने जा रहे है जलाभिषेक। उन्होंने कहा जब तक शरीर मे प्राण रहेंगे बाबा को जलाभिषेक करने आता रहूंगा।

रिपोर्ट – रोहित कुमार

दरअसल सावन के पवित्र माह में सुल्तानगंज से देवघर तक जलाभिषेक के लिए लाखों कांवड़िया यात्रा कर रहे हैं। कोई वाहन से तो कोई पैदल अपनी कांवड़ यात्रा को पूरा रहे है । लेकिन इस दौरान कच्ची काँवरिया पथ में कावरियों के भक्ति का अलग अलग रूप देखने को मिल रहा हैं। कुछ बच्चे पैदल बोल बम का नारा लागये चल रहे है तो एक दिव्यांग काँवरिया की भक्ति देखने लायक है जो दिव्यांग होते हुए भी 105 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा को पैदल पूरा कर रहे हैं।दिव्यांग होने के बावजूद ना उनके चेहरे पर कोई शिकायत है और ना ही कोई परेशानी।

दरअसल हम बात कर रहे है गया जिले अलीपुर के शंकर बम का, जो दोनों हाथों से दिव्यांग होते हुए भी पैदल यात्रा पूरी कर बाबा बैधनाथ का जलाभिषेक करने जा रहे हैं। इसको लेकर शंकर बम बताते हैं कि वो सोलह वर्षो से सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर जलाभिषेक करने बाबाधाम जाते है। उनका कहना है कि बाबा ने दोनों हाथ तो नहीं दिए है लेकिन मै बाबा को पैरों से जल अर्पित करूंगा। सभी हाथों से बाबा का जलाभिषेक करते है मैं पैरों से जलाभिषेक करता हूँ।

जब तक शरीर मे प्राण रहेंगे बाबा को जलाभिषेक करने आता रहूंगा।कहा कि पहले दो दिनों में बाबा के पास हाजरी लगाते थे इस बार कुछ साथी है तो तीन दिन में बाबा के दरवार में हाजरी लगाऊंगा। वही यात्रा के क्रम में दिक्कतों के बारे में बताया कि दिव्यांग होने को लेकर प्रशासन द्वारा अपेक्षित किया जाता है और सारी व्यवस्था हर वर्ष की भांति बढ़िया है।कहा कि भगवान भोलेनाथ के दर्शन के बाद उनकी सारी थकान दूर हो जाती है और उन्हें एक नई ऊर्जा मिलती है।

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