मुंगेर के जमालपुर नगर परिषद महिला सशक्तिकरण का लिख रहा है नया अध्याय । जहां महिला चेयरमैन तो डिप्टी चेयरमैन और कार्यपालक पदाधिकारी भी है महिला । इतना ही नहीं परिषद के 18 वार्डों कें लिए महिला सफाई कर्मी स्वयं चलाती है ई-रिक्शा कचरा गाड़ी और वार्डों में जाकर लोगों से कलेक्ट करती है कचरा । समाज को स्वच्छ बनाने में इनका है महत्वपूर्ण योगदान।
रिपोर्ट – रोहित कुमार
दरअसल अब महिला क्या नही कर सकती है । हवाई जहाज चलाने से लेकर कार और बाइक भी फर्राटे से सड़कों पे चलाती है । उसी कड़ी में जमालपुर नगर परिषद के द्वारा महिला सफाई कर्मियों को एक अलग पहचान देते हुए उसके सम्मान को बढ़ाया है । परिषद में काम करने वाली महिला सफाई कर्मी जो समाज को स्वक्ष बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते है । महिला को ई रिक्शा कचरा गाड़ी दे दिया गया है । अब एक गाड़ी पे दो महिलाएं सुबह सात बजे स्वयं गाड़ी चलाते निकल वार्ड वार्ड जाकर वहां विसिल या गाना बाजा लोगों से कचरा इकट्ठा कर दोपहर को वह डंपिंग यार्ड में कचरा डंप कर फ्री हो जाती है।
इसमें लोग स्वयं अपने घरों से निकल कचरा उनके गाड़ी में डाल देते है । जिससे उनके सम्मान को एक नया आयाम मिलता है । ई कचरा गाड़ी चलाने वाली महिलाओं ने बताया की अब वो एक सम्मान कि जीवन जीती है । पहले जब वो माथा पे कचरा उठाती थी तो लोग उन्हें हय कि दृष्टि से देखते थे । पर जब से वे ई रिक्शा कचरा गाड़ी चलाती है वो न तो गंदी होती है। जब वो वार्ड पहुंच विसल बजाती है तो लोग स्वय घरों से कचरा निकाल उनके गाड़ी में डाल देते है। अब तक जो महिला अपने माथे पे कचरा का टोकरी उठा उसे ट्रैक्टर में डालने का काम करती थी । जिससे वो तो पूरी गंदी हो जाती थी और कहीं न कहीं महिलाओं के सम्मान को भी ठेंस पहुंचता था। ऊपर से कई तरह के स्किन डिजीज भी उन महिलाओं को हो जाता था।
युवा उप मुख्य पार्षद अंजली ने बताया कि इन सबों को देखते हुए परिषद ने सभी 18 वार्डों में महिला सफाई कर्मियों को डोर टू डोर कचरा उठाव के लिए ई रिक्शा कचरा गाड़ी दे दिया है । जिससे महिला सशक्तिकरण को और बढ़ावा मिला है। अब जब यह महिला अपना ई रिक्शा कचरा गाड़ी ले जब सड़कों पे निकल अपने अपने चिन्हित वार्ड पहुंचती है तो लोग इन महिलाओं को बड़े आदर से वेलकम करते हुए महिलाओं के विसल के आवाज या गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल के गाने पर घरों से कचरा ले उनके गाड़ी में डाल देते है ।लोगों ने बताया की यह महिलाएं समाज में स्वच्छता का प्रतीक बन गई है यहां तक कि अब लोग उन्हें अपने घरों में चाय भी पिलाते हैं । और सम्मान भी देते है । कि वे उनके घरों का कचरा ले समाज को स्वक्ष बनाने में अपना योगदान दे रही है।