मुंगेर के तारापुर में बंदरों का आतंक, 1 दर्जन से अधिक लोगों को काटकर किया घायल, आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम, बंदरों को जल्द से जल्द पकड़ने की कर रहे मांग। लेकिन बंदरों को पकड़ने में वन विभाग के छूट रहे हैं पसीने।
दरअसल मुंगेर में बंदरो का आतंक तारापुर बाजार में दूसरे दिन भी जारी रहा। वन विभाग के कर्मियों द्वारा अथक प्रयास के बावजूद किसी बंदर को पकड़ने में सफलता नहीं मिली । और दूसरे दिन भी आक्रोशित बंदरों ने उल्टा नाथ महादेव मंदिर और आसपास के क्षेत्र में 1 दर्जन से अधिक लोगों को बुरी तरह से काट कर जख्मी कर दिया। आक्रोशित शहरवासियों ने उल्टा नाथ महादेव मंदिर के सामने सुल्तानगंज देवघर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। लगभग 35 मिनट तक सड़क जाम रहने के कारण 2 किलोमीटर तक दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई ।मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार ने आकर लोगों से बातचीत किया।
यह आश्वासन दिया कि वन कर्मी काम कर रहे हैं ,उन्नत किस्म के औजार के साथ नालंदा से प्रशिक्षित वन कर्मियों को भी बुलाया जा रहा है । प्रशासन संवेदनशील है। लोगों को धैर्य का सामना करना चाहिए , बंदरों से सतर्क रहें।उन्होंने लाउडस्पीकर के द्वारा शहरी क्षेत्र में खुद से माइकिंग कर लोगों को प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दिया। गुरुवार सुबह से ही बंदरों का जबरदस्त आतंक पसर गया था। 10 से अधिक लोगों को काटकर जख्मी किया गया था। स्थानीय लोगों के द्वारा अनुमंडल प्रशासन और थाना को इसकी सूचना दी गई थी। एसडीओ द्वारा जिला वन अधिकारी को इसकी जानकारी देते हुए प्रशिक्षित कर्मियों को बंदर पकड़ने के लिए भेजने का आग्रह किया गया था। रात्रि में ही वन विभाग के कर्मी तारापुर आये, परंतु इस कार्य में दक्ष नहीं होने के कारण बंदर को पकड़ने में नाकामयाब रहे । उनके पास आधुनिक औजार नहीं थे।
दूसरे दिन बंदरों के आतंक से अधिवक्ता अशोक सिंह मनोज मंडल प्रदीप कुमार रोहित कुमार जुबेर मनोज शर्मा की पुत्री एवं पत्नी सहित 15 से अधिक लोग घायल होने के बाद लोगों ने सड़क जाम किया। प्रशासन हरकत में आई । उच्चाधिकारियों से बात की गई । नालंदा से प्रशिक्षित वन कर्मियों के आने की सहमति बनी। अधिकारियों द्वारा आक्रोशित लोगों को इसकी जानकारी देते हुए सड़क जाम को हटाया गया। सभी जख्मी का इलाज अनुमंडल अस्पताल तारापुर में कराया जा रहा है। प्रभारी उपाधीक्षक प्रमोद कुमार ने कहा कि एंटी रैबिज इंजेक्शन पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है। लोग अपने बचाव के लिए हाथ में डंडा लेकर सतर्क रह रहे हैं। बंदरों के दौड़ने से भगदड़ की स्थिति भी बन जाती है। चार बंदरों के आतंक से शहर में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।