मुंगेर जिले में परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर विशेष पहल की जा रही है। सड़क हादसों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए विभाग ने सड़क सुरक्षा माह मनाने का निर्णय लिया है। इस अभियान का उद्देश्य आम नागरिकों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और यातायात नियमों के पालन के महत्व को समझाना है।
जिलाधिकारी ने दिखाई हरी झंडी, जागरूकता रथ हुआ रवाना
इस अभियान की शुरुआत मुंगेर के जिलाधिकारी अवनीश कुमार ने की। उन्होंने अपने कार्यालय परिसर से सड़क सुरक्षा जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ पूरे जिले के प्रत्येक प्रखंड और गांव-गांव जाकर लोगों को सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक करेगा।
इस जागरूकता रथ के माध्यम से लोगों को हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने, शराब पीकर वाहन न चलाने, ट्रैफिक सिग्नल का पालन करने जैसे जरूरी नियमों की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही, सड़क पर चलते समय सावधानी बरतने की सलाह भी दी जाएगी ताकि हादसों की संभावना को न्यूनतम किया जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों पर खास ध्यान
इस अभियान की सबसे खास बात यह है कि यह केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों तक भी इसकी पहुंच सुनिश्चित की गई है। अक्सर देखा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा को लेकर जानकारी की कमी होती है, जिसके कारण वहां दुर्घटनाओं की संख्या अधिक होती है। इसी कारण, जागरूकता रथ गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद करेगा और उन्हें सड़क सुरक्षा के महत्व को बताएगा।
रचनात्मक माध्यमों से जागरूकता फैलाने की योजना
परिवहन विभाग केवल भाषणों या पंपलेट के माध्यम से ही नहीं, बल्कि रचनात्मक तरीकों से लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है। इस अभियान के तहत नुक्कड़ नाटक, रंगोली प्रतियोगिता, चित्रकला प्रदर्शन और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन माध्यमों से लोगों को आकर्षित कर उनके बीच सड़क सुरक्षा के संदेश को प्रभावी ढंग से पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
इसके साथ ही स्कूलों और कॉलेजों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि युवा वर्ग को भी सड़क सुरक्षा के नियमों की जानकारी मिल सके और वे शुरुआत से ही सतर्कता बरतें।
विभागीय समन्वय और सहभागिता
इस अभियान में परिवहन विभाग के डीटीओ (District Transport Officer), MVI (Motor Vehicle Inspector) सहित कई अन्य सरकारी विभागों के अधिकारी भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। सभी विभाग मिलकर सुनिश्चित कर रहे हैं कि सड़क सुरक्षा माह का यह अभियान सफलतापूर्वक पूरे जिले में क्रियान्वित हो।
साथ ही, आम लोगों की भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे इस जागरूकता अभियान में भाग लें और खुद भी सुरक्षित रहें तथा दूसरों को भी सड़क सुरक्षा के प्रति प्रेरित करें।
निष्कर्ष: सड़क सुरक्षा, जन-सहभागिता का अभियान
मुंगेर जिले में सड़क सुरक्षा माह का यह आयोजन केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन बनता जा रहा है। लोगों की सहभागिता और प्रशासन की सक्रियता से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी और यातायात व्यवस्था अधिक सुचारु होगी।
इस अभियान का मूल मंत्र है – “सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा”, और इसके माध्यम से हर व्यक्ति तक यह संदेश पहुंचाया जा रहा है कि सुरक्षा सिर्फ नियमों से नहीं, जागरूकता और जिम्मेदारी से भी आती है।