मुंगेर में घर के अंदर चल रहा था हथियारों का कारखाना, पुलिस की कारवाई से हड़कंप, पांच गिरफ्तार

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मुंगेर जिला, जो बिहार में अवैध हथियार निर्माण के लिए कुख्यात रहा है, एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गया है। इस बार मुंगेर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध हथियार निर्माण करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने कंचनगढ़ इलाके में छापेमारी कर मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया है। इस छापेमारी में हथियार बनाने के कई उपकरण बरामद किए गए हैं और पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस सफलता को लेकर मुंगेर सदर डीएसपी राजेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी।


 गुप्त सूचना पर बनी विशेष टीम

इस कार्रवाई की शुरुआत तब हुई जब पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि कंचनगढ़ निवासी शिवम कुमार यादव, पिता स्वर्गीय अश्विनी प्रसाद यादव, के घर पर अवैध हथियार निर्माण का काम हो रहा है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए मुंगेर एसपी के निर्देश पर सदर डीएसपी राजेश कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम में तकनीकी और अनुभवी पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया ताकि कार्रवाई प्रभावी और गोपनीय ढंग से हो सके।


 छापेमारी के दौरान मिली मिनी गन फैक्ट्री

जब पुलिस की विशेष टीम ने शिवम कुमार यादव के घर छापा मारा, तो वहाँ का नजारा देखकर पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गए। घर के एक कमरे में पूरी तरह से हथियार निर्माण की व्यवस्था की गई थी। मशीनें, औजार, अर्द्धनिर्मित हथियार – सब कुछ व्यवस्थित तरीके से मौजूद था, जैसे कोई फैक्ट्री हो। पुलिस ने मौके से हथियार निर्माण में लगे पांच लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें शिवम कुमार खुद भी शामिल है।

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 बरामद हुआ भारी मात्रा में उपकरण और अर्द्धनिर्मित हथियार

पुलिस द्वारा की गई छानबीन में कई महत्वपूर्ण चीजें बरामद हुईं। इनमें शामिल हैं:

  • 01 लोहे का हैण्ड ड्रील मशीन

  • 01 अर्द्धनिर्मित कट्टा

  • 05 अर्द्धनिर्मित लोहे के बैरल

  • 13 अर्द्धनिर्मित ट्रिगर

  • 02 मोबाइल फोन

  • विभिन्न छोटे-बड़े हथियार बनाने के औजार

इन सभी सामानों से यह स्पष्ट है कि यह स्थान केवल हथियारों की मरम्मत के लिए नहीं, बल्कि पूरी तरह एक निर्माण इकाई के रूप में कार्य कर रहा था।


 गिरफ्तार लोगों से हो रही पूछताछ

फिलहाल पुलिस पांचों आरोपितों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस नेटवर्क का विस्तार कितना बड़ा है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि ये लोग कहां-कहां हथियार सप्लाई करते थे और इनके अन्य कौन-कौन साथी हैं। इस मामले में तकनीकी जांच के माध्यम से मोबाइल फोन डेटा, कॉल डिटेल्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की भी जांच की जा रही है।


 डीएसपी ने दी जानकारी, कहा- मुंगेर को अवैध हथियारों से मुक्त करना है

इस मामले में सदर डीएसपी राजेश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि,

“मुंगेर पुलिस लगातार अवैध हथियार निर्माताओं के खिलाफ अभियान चला रही है और यह कार्रवाई उसी श्रृंखला का हिस्सा है। हमारा लक्ष्य मुंगेर को अवैध हथियारों के जाल से मुक्त करना है।”

उन्होंने यह भी बताया कि अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि शिवम कुमार के घर पर हथियार निर्माण का कार्य कब से चल रहा था और इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं। पुलिस इस पूरे सिंडिकेट को खंगालने के लिए गहन जांच कर रही है।

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निष्कर्ष: एक बड़ी सफलता की ओर कदम

मुंगेर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल जिले में बल्कि पूरे राज्य में एक सख्त संदेश देती है कि अब अवैध हथियार निर्माण और तस्करी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह सफलता पुलिस की सतर्कता, गुप्त सूचना तंत्र और त्वरित कार्रवाई का नतीजा है। आने वाले दिनों में पुलिस इस तरह की और भी छापेमारी कर सकती है जिससे अवैध गतिविधियों में संलिप्त लोगों पर नकेल कसी जा सके।

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