मुंगेर में नवरात्रि पर एक अनोखी साधना की तस्वीर सामने आई है। यहां एक भक्त ने मां दुर्गा की भक्ति में डूबकर अपने सीने पर कलश स्थापना की है। कहते हैं मां की भक्ति से ही कठिन तप और साधना पूरी करने का बल मिलता है। मुंगेर के असरगंज से आस्था और श्रद्धा की यह अनोखी तस्वीर अब चर्चा का विषय बनी हुई है।
असरगंज के कमराय दुर्गा मंदिर से अनोखी मिसाल
दरअसल बिहार के मुंगेर में शारदीय नवरात्रि में जहां भक्त उपवास और व्रत रखकर मां दुर्गा की पूजा करते हैं, तो वहीं मुंगेर के असरगंज प्रखंड के कमराय दुर्गा मंदिर में एक युवक ने अपनी भक्ति की अलग मिसाल पेश की है। शंभूगंज के चटमा निवासी 30 वर्षीय विश्वजीत कुमार पिछले तीन वर्षों से नवरात्रि पर अपने सीने पर कलश स्थापित कर साधना कर रहे हैं। इस बार भी उन्होंने मां दुर्गा के चरणों में यही कठिन तपस्या शुरू की है।
मनोकामना नहीं केवल श्रद्धा की प्रतीक
विश्वजीत का कहना है कि यह साधना किसी खास मनोकामना के लिए नहीं, बल्कि केवल मां दुर्गा के प्रति आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। मां दुर्गा में मेरी बड़ी आस्था है। मैं किसी खास मन्नत के लिए कलश स्थापना नहीं कर रहा हूँ। अपनी खुशी और भक्ति से ऐसा करता हूँ । इससे मुझे अच्छा लगता है।
विश्वजीत के परिजनों का भी कहना है कि उनका बेटा पिछले तीन सालों से लगातार इस कठिन तपस्या को निभा रहा है। मां दुर्गा के आशीर्वाद से ही उसे यह शक्ति मिल रही है। बीते तीन साल से मेरा बेटा सीने पर कलश स्थापना कर रहा है। उसकी कोई खास मनोकामना नहीं है। वो अपनी खुशी से मां दुर्गा के लिए ऐसा करता है।
परिवार का समर्थन और गर्व
नव दुर्गा मंदिर के प्रधान पुजारी भी कहते हैं कि मां दुर्गा की शक्ति ही है जो भक्त को इतनी कठिन साधना पूरी करने की सामर्थ्य देती है। विश्वजीत की पत्नी अवंतिका ने बताया कि कोई मन्नत नहीं बल्कि उनके मन में श्रद्धा आया और वे उसके बाद से ही सीने पर कलश स्थापना करने लगे है।
ग्रामीणों ने भी बताया कि विश्वजीत का आस्था पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। यही वजह है कि दूर दूर से भी लोग इस आस्था को नमन करने असरगंज पहुंचते है।