मुंगेर कच्ची कांबरिया पथ पर कोलकाता के 15 कांबरिया का जत्था भारी भरकम मां शेरावाली का प्रतिमा लेकर पैदल चले बाबाधाम। 170 केजी का कावर को उठाने के लिए एक बार में चार लोग लगते हैं। वह भी 5 किलोमीटर पैदल यात्रा चलकर फिर दूसरे ग्रुप को दे देते हैं। ऐसे ही पैदल यात्रा करते हुए 105 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। वही इस अद्भुत नजारा को देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
रिपोर्ट – रोहित कुमार
दरअसल सुल्तानगंज अजनबीनाथधाम से सावन माह का पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर कांवरियों का चलना प्रारंभ हो गया है। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के तीसरे दिन मुंगेर जिला सीमा प्रारंभिक कच्ची कांवरिया पथ असरगंज प्रखंड के कमराय कच्ची कांवरिया पथ कोलकाता के कांवरिया एक अद्भुत कामड़ लेकर पहुंचे। जिसको देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई, यूं तो कहें कि बाबा भोले के आराध्य मैं कावरीयां कावर में जल भरकर ले जाते हैं। लेकिन यह एक अजूबा कावर देखने को मिला।
ऐसे ही एक ग्रुप कोलकाता बंगाल से 170 केजी का शेरावाली मां की प्रतिमा वाला कावर लेकर देवघर जा रहे हैं। 170 केजी का कावर को उठाने के लिए एक बार में चार लोग लगते हैं। वह भी 5 किलोमीटर पैदल यात्रा चलकर फिर दूसरे ग्रुप को दे देते हैं। ऐसे ही पैदल यात्रा करते हुए 105 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। जहां देवघर जाने में अमूमन 3 से 4 दिन लगेंगे। वहीं कोलकाता के ओमग्रुप के सरदार बंटी बम ने बताया कि हम लोग कुल 15 कमरिया हैं हम लोगों को कोई भी त्यौहार में कपड़ा मिले या ना मिले लेकिन सावन में इस तरह के कांवर लेकर जाते हैं।
हम लोग लगातार 8 सालों से चलते आ रहे हैं। वही ओम ग्रुप के कांवरियों ने बताया कि इस बार मां दुर्गे की टोली को लेकर जाने में बहुत परेशानी हो रही है। आगे बताया कि कावर कंधे पर रखने के बाद 15 फीट ऊंचाई हो जाती है, इस बार कंबारिया पथ पर झाड़ियों की सफाई नहीं की गई है। जिस वजह से कावर नुमा टोली को ले जाने में बहुत परेशानी हो रही है।