मुंगेर कच्ची कांवरिया पथ पर एक अनोखा नजारा तब देखने को मिला। जब स्वयं महादेव कांवरिया बनकर बाबाधाम जाते दिखे। तो पूरा कच्ची कांवरिया पथ हर हर महादेव के नारों से गूंज उठा।
कौन है यह अद्भुत कांवरिया
दरअसल सावन के पवित्र महीने में लाखों कांवरिया सुल्तानगंज के उत्तर वाहिनी गंगा से जल भरकर 105 किलो की मीटर पैदल यात्रा कर बाबा धाम जा रहे है। इस दौरान अलग-अलग रंगों और रूपों में भोले के प्रति भक्तों की भक्ति देखी जा रही है। इसी कर्म में मुंगेर कच्ची कांवरिया पथ पर सभी कांवरिया उस समय आश्चर्यचकित हो गए। जब करीब 150 की संख्या के कांवरियों की टोली के साथ भगवान शिव का रूप धारण किए एक कांवरिया उनके साथ चल रहा रहे थे। पूरे नीले कलर से रंगे बाघ के छाल नुमा कपड़ा लपेटे, गले में सर्प माला पहने , माथे पर चंद्रमा और गंगा बिराजे हाथ में त्रिशूल पकड़े पूरा भगवान शिव का स्वरूप धारण किए जब कच्ची कांवरिया पथ पर वे बाबाधाम के लिय चल रहे थे। तो हर कोई उन्हें देखकर हर हर महादेव कहना नहीं भूल रहा रहे थे। जब पता किया गया तो पता चला कि बिहार के पूर्णिया जिले के भवानीपुर से आए करीब 150 कांवरियों के जत्थे के अगुआई कर रहे अखिलेश कुमार गुप्ता ने यह रूप धारण किया हुआ है।
भोले शंकर के रूप धारण करने का मकसद
अखिलेश ने बताया कि वह पिछले 15 सालों से यही भगवान भोले का रूप धारण कर बाबाधाम जाते है । भगवान भोले की इच्छा से जब यह रूप धारण करते है तो उनमें एक अलग ही ऊर्जा आ जाती है । अन्य कांवरिया उन्हें देख ऊर्जानवित होते हैं तो वे अन्य कांवरियों को देखकर उत्साहित हो लेकर बाबा नगरिया के लिए चल पड़ते है। इस रूप में चलने का उनका एक ही मकसद है। सनातन धर्म का प्रचार हो और जनकल्याण हो।