भीड़ तंत्र का शिकार हुए सहायक उप निरीक्षक (ASI) संतोष सिंह की पटना में इलाज के दौरान दुखद मृत्यु हो गई। उन्हें गंभीर चोटें आई थीं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
कैसे हुई थी घटना?
ASI संतोष सिंह एक पुलिस ऑपरेशन के दौरान भीड़ के आक्रोश का शिकार हो गए थे। किसी विवादित मामले में कार्रवाई करने पहुंचे ASI संतोष सिंह को उग्र भीड़ ने घेर लिया और उनके साथ मारपीट की। इस हमले में उन्हें गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें पटना के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इलाज के दौरान हुआ निधन
घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने उन्हें तुरंत चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई और बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया। कई दिनों तक डॉक्टरों की टीम उनका इलाज करती रही, लेकिन गंभीर चोटों के कारण उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई। अंततः उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
पुलिस ने की कार्रवाई, 5 आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। पुलिस की टीम लगातार जांच में जुटी हुई है और अन्य संदिग्धों की पहचान की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस मामले में और भी लोगों को हिरासत में लिया जाएगा।
SP सैयद ईमान मसूद ने दी जानकारी
इस पूरे मामले पर जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) सैयद ईमान मसूद ने जानकारी देते हुए बताया कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
भीड़ तंत्र पर उठे सवाल
ASI संतोष सिंह की मौत ने एक बार फिर भीड़ तंत्र की भयावहता को उजागर कर दिया है। आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां गुस्साई भीड़ कानून अपने हाथ में ले लेती है और निर्दोष लोगों को शिकार बना देती है। कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि ऐसे मामलों में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत करने से पहले सोचे।
परिवार में छाया मातम
ASI संतोष सिंह की मौत से उनके परिवार में गहरा शोक है। उनके परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील कर रहे हैं।
न्याय की मांग
इस मामले को लेकर पुलिस और प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है कि जल्द से जल्द आरोपियों को सजा दिलाई जाए। जनता भी इस घटना से आक्रोशित है और न्याय की मांग कर रही है।