एक ओर जहां शिक्षा विभाग द्वारा लगातार बैठक कर मुंगेर विश्वविद्यालयों को कई निर्देश दे रहा है. वहीं उच्च शिक्षा विभाग स्तर से एमयू के कई शैक्षणिक और एडमिनिस्ट्रेटिव मामलों में उदासीनता बढ़ने के लिये विश्वविद्यालय प्रशासन की परेशानी बढ़ रही है. जिसमें एमयू प्रशासन के लिये वर्तमान में आउटसोर्सिंग व अतिथि शिक्षकों के वेतन सहित पीजी विभागों के लिये पद सृजन और कंटीजेंसी मद में राशि की कमी बड़ी चुनौती बन रही है।
हलांकि इन मामलों को लेकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर द्वारा लगातार शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात कर मार्गदर्शन मांगा जा रहा है. बता दें कि एमयू में कार्यरत लगभग 190 अतिथि शिक्षकों के वेतन के लिये जहां अबतक सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को राशि नहीं दी गयी है. वहीं 8 माह से एमयू में कार्यरत लगभग 70 आउटसोसिंग कर्मियों के भु्गतान को लेकर भी सरकार से राशि नहीं मिल रही है।
जबकि विश्वविद्यालय के 20 पीजी विभागों के लिये लगभग एक साल बाद भी सरकार से पद सृजन नहीं हो पाया है. जिसके कारण विश्वविद्यालय को पीजी विभागों के लिये सरकार से कोई कंटीजेंसी फंड भी नहीं मिल पा रहा है. हलांकि इस बीच विश्वविद्यालय द्वारा पर्व को देखते हुये अपने अतिथि शिक्षकों और आउटसोर्सिंग कर्मियों को एकमुश्त राशि दी गयी है. लेकिन पीजी विभागों के पद सजृन का मामला लंबे समय से विभागीय स्तर से लटके होने से एमयू के पीजी विभाग बदहाल हालत में हैं।
सरकार से लगातार बात कर मांगा जा रहा है मार्गदर्शन
एमयू के कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि अतिथि शिक्षकों और आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय को लेकर लगातार विभाग के अधिकारियों से बात की जा रही है. साथ ही मानदेय की राशि न मिलने से अतिथि शिक्षकों और आउटसोर्सिंग कर्मियों को हो रही परेशानियों से भी अवगत कराया जा रहा है।
जबकि इसके अतिरिक्त शनिवार को शिक्षा विभाग की ऑनलाइन बैठक के दौरान भी कुलपति प्रो. श्यामा राय के निर्देश पर आउटसोर्सिंग व अतिथि शिक्षकों के वेतन सहित पीजी विभागों के पद सृजन सहित कंटीजेंसी फंड दिये जाने का डिमांड किया गया है. जिसे लेकर विभाग के अधिकारियों द्वारा सोमवार को होने वाली बैठक में इस संबंध में जानकारी दिये जाने का आश्वासन दिया गया है.