कांवरिया पथ पर विशाल महादेव की प्रतिमा का कांवड़ लेकर चले देवघर, बना आकर्षण का केंद्र

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श्रावणी मेला के पचीसवें दिन सुल्तानगंज से जल लेकर शिवभक्तों का बाबाधाम जाने का सिलसिला जारी है।श्रावणी मेला में कावरियों द्वारा अपने साथ लाए जा रहे कांवर भी कच्ची काँवरिया पथ पर आकर्षक का केंद्र बने हुए है।कोलकाता हावड़ा से आये विजय भारत संघ क्लब हावड़ा रामेश्वर मलिया लेन के काँवरिया द्वारा विशाल महादेव की साधना में लिन प्रतिमा का कांवर पथ पर आकर्षक का केंद्र बना रहा।जिसे देखने के लिए आम लोगों की भारी भीड लगी रही।

मुंगेर कच्ची कांवरिया पथ के गोगाचक के समीप चार काँवरिया द्वारा विशाल शिव प्रतिमा को कांधे पर लेकर बाबा बैधनाथ धाम जा रहे थे। डोली कांवर के संबंध में सूरज साव, राजा साव,सूरज राय,नितेश कुमार, विशाल साव, विनीत प्रसाद,सनी साव,चंदन महतो विशाल चौधरी, कुणाल प्रसाद,संजय यादव,अमन यादव,भोला बम ने बताया की श्रद्धा भक्ति के साथ हमलोग इस कांवर को ले जा रहे।हमलोग भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित हो इसके उद्देश्य से बाबाधाम जा रहे है ।

बताया कि शिव प्रतिमा बनाने में एक सप्ताह का समय लगा है।इस डोली कांवर में शिवजी के माथे पर गंगा विराजमान है और वे साधना में लीन है।जिसे चार काँवरिया एक साथ उठाकर चलते है। 40 लोगों के जत्थे के साथ हमलोग दो वर्ष लॉक डाउन को छोड़कर 12 वर्षो से देवघर जा रहे है।प्रत्येक वर्ष अलग अलग आकृति के देवी देवताओं की प्रतिमा के बने डोली कांवर लेकर पैदल बाबा का जलाभिषेक करने जाते है।यह कांवर 85 किलो वजनी है।

यह कांवर मिट्टी,लकड़ी,थर्मोकॉल एवं बांस से बना है। इस बनाने में एक महीने का समय लगा है। जिसके बाद सुल्तानगंज से जल भर कर बाबा भोलेनाथ को जल अर्पित करने बाबाधाम देवघर जा रहे है।

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