मुंगेर में ईद-उल-फितर का त्योहार बड़े हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया गया। ईद की मुख्य नमाज शहर के डीजे कॉलेज के सामने स्थित ईदगाह मैदान में अदा की गई, जहाँ हजारों की संख्या में मुस्लिम भाइयों ने एक साथ खड़े होकर अल्लाह की इबादत की। नमाज अदा करने के बाद सभी ने एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी और खुशियों का इज़हार किया।
रमजान के मुकम्मल होने पर मनाई गई ईद
दरअसल, रमजान का महीना समाप्त होने के बाद, चांद दिखने की पुष्टि होते ही अगले दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है। इस बार भी चांद दिखने के साथ ही ईद का ऐलान किया गया और पूरे मुंगेर जिले में त्योहार की रौनक छा गई। हर गली-मोहल्ले में ईद की तैयारियां जोरों पर थीं। लोगों ने नए कपड़े पहने, बाजारों में खरीदारों की भीड़ लगी रही, और हर घर में विशेष पकवान बनाए गए।
शास्त्री नगर ईदगाह में उमड़ा नमाजियों का जनसैलाब
ईद के मौके पर मुंगेर के शास्त्री नगर स्थित बड़े ईदगाह मैदान में भी हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा हुए और सामूहिक रूप से ईद की नमाज अदा की। सुबह से ही लोग ईदगाह की ओर रवाना होने लगे थे। लगभग 7:00 बजे से ही नमाजियों का आना शुरू हो गया था और 7:30 बजे तक पूरा मैदान भर चुका था। इमाम ने पहले सभी को नमाज पढ़ने के तरीके और इसकी महत्ता के बारे में बताया और फिर सामूहिक रूप से ईद की नमाज अदा की गई।
रमजान के पाक महीने की विशेषता
इमाम ने अपने संबोधन में रमजान की विशेषता बताते हुए कहा कि यह महीना इबादत और रहमत का होता है। इस पूरे महीने में रोज़े रखे जाते हैं, इफ्तार और सेहरी का विशेष महत्व होता है, और पांच वक्त की नमाज अदा करना अनिवार्य माना जाता है। ईद की नमाज अदा करना भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक कार्य है, जिससे बंदे को खुदा का सवाब मिलता है और उसके गुनाह माफ हो जाते हैं।
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन सतर्क
ईद की नमाज और पूरे कार्यक्रम के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे। मुंगेर के सदर डीएसपी अभिषेक आनंद, एसडीओ शैलेंद्र कुमार सिंह, कासिम बाजार थाना प्रभारी, पूरब सराय थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद थे। सुरक्षा के मद्देनजर ईदगाह और आसपास के इलाकों में पुलिस बल की तैनाती की गई थी, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके और लोग बेखौफ होकर ईद की खुशियों में शामिल हो सकें।
सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल बनी ईद
ईद सिर्फ मुस्लिम समुदाय का त्योहार नहीं बल्कि यह भाईचारे और आपसी प्रेम का संदेश भी देता है। इसी कड़ी में, इस बार भी मुंगेर में सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल देखने को मिली। अन्य धर्मों के लोगों ने भी शास्त्री नगर ईदगाह पहुंचकर मुस्लिम भाइयों को गले लगाया और उन्हें ईद की शुभकामनाएं दीं। यह नजारा यह दर्शाता है कि भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब आज भी कायम है और यहां सभी धर्मों के लोग एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं।
ईद का उत्सव और खुशी का माहौल
ईद का त्योहार सिर्फ नमाज तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जब लोग एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं। नमाज के बाद लोग अपने घरों को लौटे और विशेष पकवानों का आनंद लिया। सेवइयां, खीर, बिरयानी और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन हर घर में बनाए गए। बच्चों ने नए कपड़े पहने और ईदी पाने की खुशी उनके चेहरों पर साफ झलक रही थी।
निष्कर्ष
मुंगेर में ईद-उल-फितर का त्योहार पूरी आस्था, उल्लास और भाईचारे के साथ मनाया गया। नमाज से लेकर मिलन-समारोह तक, हर जगह खुशियों का माहौल रहा। प्रशासन की सतर्कता और विभिन्न समुदायों के आपसी प्रेम ने इस त्योहार को और भी खास बना दिया। ईद का यह त्योहार यही संदेश देता है कि हम सभी को प्रेम, एकता और सद्भाव के साथ मिल-जुलकर रहना चाहिए और एक-दूसरे की खुशियों में शामिल होना चाहिए।