मुंगेर में किसान अब धान के बदले करेंगे मक्के की खेती, सुखाड़ को लेकर सरकार ने लिया निर्णय, मुफ्त में दे रही है सरकार बीज जानिए

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मुंगेर में सूखे हालात होने के बाद कृषि विभाग के प्रधान सचिव ने धान की खेती छोड़ किसानों से मक्का की खेती करने का किसानों से की अपील।सचिव ने कहा जलवायु परिवर्तन के साथ किसानों को बदलना जरूरी।सरकार फ्री में दस हजार हेक्टेयर भूमि के लिए मुफ्त में मक्का बीज करवा रही उपलब्ध।

रिपोर्ट – रोहित कुमार

दरअसल दिन प्रतिदिन कम हो रही बारिश की वजह से पिछले कई वर्षों से धान की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।कुछ ऐसी ही स्थिति इस वर्ष भी देखने को मिल रही है।इस वर्ष भी किसानों ने धान की बीज तो खेत में लगा दिया है लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से सूखे जैसे हालात हो गए हैं।कुछ जगह जहां सिंचाई का श्रोत है वहां किसानों ने धान तो लगा दिया लेकिन जितनी पानी धान को चाहिए वो उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

मुंगेर का ज्यादातर इलाके के किसान धान की खेती पर आश्रित है लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से उनके माथे पर परेशानी की लकीर खींच गई है।वैसे भी मुंगेर धान के कटोरा के नाम से प्रसिद्ध है लेकिन बीते कुछ वर्षों से किसानों को धान की खेती ने घाटे में पहुंचा दिया है। वहीं कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कल देर शाम तक कृषि विभाग के अधिकारियों सहित अन्य के साथ प्रमंडल स्तर की बैठक की।

जिसमें दिन प्रतिदिन कम हो रही बारिश को देखते हुए किसान ऐसे में खेती कैसे करे इसको लेकर चर्चा की।वहीं कृषि सचिव ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ किसानों को भी बदलना होगा।किसान धान की खेती ना कर मक्के की खेती करें।इसमें कम पानी लगती है और मुनाफा भी ज्यादा होता है।सरकार मुफ्त में किसानों को मक्के की बीज उपलब्ध करा रही है।मुंगेर कमिश्नरी क्षेत्र में इस बार काफी कम बारिश हुई है।

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वही हर वर्ष की अपेक्षा इस बार 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इसके कारण कई इलाकों में धान की खेती नहीं हुई है। ऐसे में किसानों को कम से कम कृषि फीडर से बारह घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाय। इसके साथ ही डीजल से खेती करने वाले किसानों को डीजल अनुदान की राशि मुहैया कराई जाएगी।उन्होंने कहा कि जहां वर्षा कम हुई है तथा इसके कारण धान की खेती कम हुई है, ऐसे में वहां के किसान मक्के के खेती करें।

इसके लिए सरकार उन्हें बीज तथा तकनीकि सहायता मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। इससे किसानों के घाटे की पूर्ति की जा सकती है। सचिव ने कहा कि असरगंज, खड़गपुर, संग्रामपुर, तारापुर तथा टेटिया बम्बर में धान का बिचड़ा तैयार है पर वर्षा के अभाव में वहां धान नहीं लग पाया है। ऐसे में किसान वहां मक्का लगाएं। मक्के की खेती में धान की खेती की अपेक्षा एक तिहाई पानी की जरूरत होती है।

वही ऐसे में सूखे के समय में मक्का किसानों के लिए वरदान साबित होगा। जलवायु परिवर्तन के कारण हर साल कम बारिश हो रही है। ऐसे में किसानों को अच्छी गुणवत्ता के मक्के का बीज दिया जाएगा। यदि किसान अगले दस दिन में मक्का लगा लेते हैं उन्हें अच्छा उत्पादन मिल सकेगा। सरकार दस हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती के लिए मुफ्त बीज मुहैया कराएगी।

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