बाढ़ ने बिहार में मचाना शुरू किया तबाही, कई इलाका जलमग्न, स्कूल बंद, लोग कर रहे पलायन जानिए

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बिहार के मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से अब 40 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। बाढ़ से जनजीवन पूरी तरह से अव्यवस्थित हो गया है। दियारा और करारी क्षेत्र के दर्जनों गांवों को बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया है। और लोग परिवार और मवेशी संग गांव से पलायन करने लगे है। इधर बाढ़ के पानी दियारा क्षेत्र में भर जाने के कारण नीलगाय, वनसुअर सहित अन्य जंगली जीव भी शहर की ओर भागने लगे हैं।

दरअसल बिहार में बाढ़ से भले ही हालत बिगड़ रही है। लेकिन जिला प्रशासन अब भी केवल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर जायजा लेने में लगे हुए है। जबकी पानी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रहा है। बाढ़ की विभिषिका से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त होने लगी है। बताते चलें कि जिले के सदर प्रखंड, बरियारपुर, जमालपुर, धरहरा, हवेली खड़गपुर प्रखंड पूरी तरह बाढ़ के चपेट में है।

शहर और कई धार्मिक स्थलों तक भी घुसा बाढ़ का पानी

इसमें से सबसे ज्यादा मुंगेर के सदर और बरियारपुर प्रखंड में बाढ़ ने तबाही मचना शुरू कर दिया है। मुंगेर सदर के गंगा पार तीन पंचायत जाफरनगर, कुतलुपुर और टीकारामपुर के सभी गांवों में पानी घूस गया है । लोग गांव में जल कैदी हो गये हैं। गंगा तट चंडिका स्थान और टीकारामपुर गांव में भी पूरी तरह से पानी घुस गया है। साथ ही मुंगेर शहर के चुआबाग, हेरूदियारा, लालदरवाजा क्षेत्र में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। साथ ही मुंगेर-पटना रोड में पुलिया से पानी पार कर महद्दीपुर बहियार को अपने आगोश में ले लिया है। जबकि बरियारपुर प्रखंड के गंगा पार सहित करारी क्षेत्रों के पंचायतों के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ का पानी जमालपुर, धरहरा और हवेली खड़गपुर में भी तबाही मचाना शुरू कर दिया है। हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा तैयारी का दंभ भरा जा रहा है। लेकिन बाढ़ प्रभावित इलाकों में जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त होने लगी है। बाढ़ से बिगड़े हालात का सामना करने वाले दियारा क्षेत्र से लोग अपने परिवार व मवेशी संग पलायन करने लगे हैं। प्रशासन ने जो नाव की व्यवस्था की है वो न काफी है। निजी नाव के सहारे दियारा क्षेत्र के लोग गांव छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे है। जाफरनगर और कुतलुपुर पंचायत , झौआबहियार , हरिनमार के दर्जनों पशुपालक बेगूसराय के लखमिनिया बांध पर मवेशी के साथ शरण ले रखा है। दियारा क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि अगर इसी रफ्तार से गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी रहा तो पूरा का पूरा गांव खाली करना पड़ेंगा। पशुपालको ने बताया कि पशु चारा की समस्या उन लोगों के समक्ष धीरे-धीरे विकराल होती जा रही है।

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अब लोगों जिला प्रशासन से राहत पहुंचाने की गुहार लगा रहे है। तो वही इस को लेकर मुंगेर जिलाधिकारी निखिल धनराज ने बताया कि जिला प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। लेकिन कितना तैयारी है यह तस्वीर बया कर रही है।

मुंगेर में दो दर्जन से अधिक स्कूलों में घुसा बाढ़ का पानी

मुंगेर जिले में आई भीषण बाढ़ ने आम जनजीवन को तो प्रभावित किया ही है, अब इसका असर जिले के शैक्षणिक संस्थानों पर भी देखने को मिल रहा है। जिले के चार प्रखंडों जिसमें सदर प्रखंड, जमालपुर, बरियारपुर और खड़गपुर प्रखंड के दो दर्जन से अधिक सरकारी विद्यालय बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिससे पठन-पाठन पूरी तरह से बाधित हो गया है।

इन विद्यालयों में पानी भर जाने से न तो शिक्षक स्कूल पहुंच पा रहे हैं और न ही छात्र। स्थिति इतनी विकट है कि कई स्कूल परिसरों में बाढ़ का पानी भर चुका है। मध्य विद्यालय हेरु दियारा इसका एक बड़ा उदाहरण है, जहां स्कूल के चारों ओर पानी ही पानी है। स्कूल के बच्चे बाढ़ के पानी में कूदकर खेलते नजर आ रहे हैं, जबकि पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गई है। इस बाढ़ की मार सबसे ज्यादा गरीब तबके के बच्चों पर पड़ी है। स्कूल बंद होने के कारण उन्हें मिलने वाला मध्यान्ह भोजन भी बंद हो गया है, जिससे उनके पोषण पर असर पड़ रहा है। वही इस को लेकर मुंगेर जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी प्रभावित विद्यालयों की रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग से मांगी है।

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जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द स्थिति का आंकलन कर आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि बच्चों की पढ़ाई और पोषण दोनों की व्यवस्था पुनः सुनिश्चित की जा सके।

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