17 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भारत सरकार के केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने कार्यकाल में पहली बार ऐतिहासिक जमालपुर रेल कारखाना का दौरा किया। शुक्रवार के दिन रेल मंत्री विशेष सैलून ट्रेन से जमालपुर जंक्शन पहुंचे, जहां हजारों लोगों की भीड़ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पूरे स्टेशन परिसर को सजाया गया था, और स्थानीय लोगों में मंत्री के आगमन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया।
अमृत भारत योजना के तहत स्टेशन का निरीक्षण
रेल मंत्री के आगमन का प्रमुख उद्देश्य था अमृत भारत योजना के तहत चल रहे जमालपुर रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्य का निरीक्षण। उन्होंने स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों की प्रगति को देखा और इंजीनियरों व अधिकारियों से बारीकी से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि यह स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से लैस होकर आने वाले समय में यात्रियों को उच्च स्तरीय सेवा प्रदान करेगा।
जमालपुर रेल कारखाना का ऐतिहासिक महत्व
इसके बाद रेल मंत्री जमालपुर रेल कारखाना पहुंचे, जो एशिया का पहला रेल कारखाना है। मंत्री ने कहा कि यह भारत का गौरव है कि जमालपुर रेल कारखाना न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि आज भी अपनी कार्यकुशलता से देश को गौरवान्वित कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि इस कारखाने को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित कर चौमुखी विकास की दिशा में आगे बढ़ाया जाए।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सर्वे और प्रथम फेज में 350 करोड़ की योजना
रेल मंत्री ने जानकारी दी कि हाल ही में रेल मंत्रालय ने एक विशेष टीम भेजकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सर्वे कराया था। सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर तय किया गया है कि प्रथम चरण में 350 करोड़ रुपये की लागत से जमालपुर रेल कारखाना का सर्वांगीण विकास किया जाएगा। इस निवेश से कारखाना नई तकनीकों से युक्त होगा और उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी।
78.96 करोड़ की परियोजना का शिलान्यास
अपने दौरे के दौरान रेल मंत्री ने 78.96 करोड़ रुपये की लागत से वैगन पीओएच (Periodic Overhaul) क्षमता वृद्धि हेतु एक महत्वपूर्ण परियोजना का शिलान्यास किया। यह परियोजना न केवल उत्पादन में तेजी लाएगी बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने विभिन्न शॉप्स का निरीक्षण किया और कर्मचारियों से संवाद कर उनकी समस्याएं भी जानी।
140 टन के क्रेन का भारतीय रेल को समर्पण
रेल मंत्री ने जमालपुर रेल कारखाना द्वारा निर्मित 140 टन के एक शक्तिशाली क्रेन को भारतीय रेल को समर्पित किया। यह क्रेन रेलवे की तकनीकी प्रगति का प्रतीक है और भविष्य में रेलवे के भारी कार्यों में इसका उपयोग किया जाएगा।
ईरिमी सभागार में जनसभा और भविष्य की योजनाओं की घोषणा
रेल मंत्री ईरिमी (IRIMEE) सभागार में आयोजित सभा में पहुंचे, जहां उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अब यह कारखाना केवल उत्पादन केंद्र नहीं बल्कि तकनीकी शिक्षा का भी केंद्र बनेगा। उन्होंने घोषणा की कि 2026 से ईरिमी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू होगी और इसमें न केवल रेलवे अधिकारियों के बच्चे, बल्कि जमालपुर और आसपास के क्षेत्र के छात्र भी पढ़ाई कर सकेंगे।
ऑपरेशन सिंदूर और आत्मनिर्भर भारत का संदेश
अपने संबोधन में मंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अब आत्मनिर्भर बन चुका है। पाकिस्तान जैसे देश द्वारा उपयोग किए जाने वाले हथियारों का मुकाबला भारत अब अपने खुद के विकसित हथियारों से कर रहा है। यह आत्मनिर्भर भारत की पहचान है कि अब हर क्षेत्र में भारत अपनी तकनीक और संसाधनों के बल पर आगे बढ़ रहा है।
स्थानीय नेताओं की उपस्थिति और समर्थन
इस ऐतिहासिक दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, बिहार सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, साथ ही मुंगेर जिले के तीनों विधायक भी उपस्थित थे। इन सभी नेताओं ने रेल मंत्री के इस प्रयास की सराहना की और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस विकास कार्य में पूरी तरह सहयोग करेगी।