पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में मुंगेर बंद: जनता का फूटा गुस्सा

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना के विरोध में बिहार के मुंगेर शहर में आज संपूर्ण बंद का ऐलान किया गया। इस बंद को मुंगेर चैंबर ऑफ कॉमर्स के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिसमें नगर के हर वर्ग—दुकानदार, व्यापारी, शिक्षण संस्थान, सामाजिक संगठन और आम जनता ने पूरी निष्ठा के साथ समर्थन जताया।

आतंकी हमले ने देश की आत्मा को किया घायल

दरअसल, पहलगाम में जो घटना घटित हुई, वह न केवल एक आतंकी हमला था, बल्कि मानवता के खिलाफ एक जघन्य अपराध था। आतंकियों ने गोलियों से हमला करते वक्त लोगों से उनका मजहब पूछा और फिर उन्हें बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। यह विभाजनकारी मानसिकता और हैवानियत की पराकाष्ठा है, जिसे कोई भी देशभक्त भारतीय कभी स्वीकार नहीं करेगा।

श्रद्धांजलि और आक्रोश रैली में उमड़ा जनसैलाब

मुंगेर में बीते दो दिनों से इस घटना के विरोध में लगातार आक्रोश रैलियाँ, कैंडल मार्च और श्रद्धांजलि सभाएँ आयोजित की जा रही हैं। लोग हाथों में तिरंगा लेकर सड़कों पर उतर आए हैं और ‘भारत माता की जय’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे गूंज रहे हैं। हर किसी की आंखों में शहीदों के लिए आंसू और आतंकियों के प्रति गुस्सा साफ नजर आ रहा है।

चैंबर ऑफ कॉमर्स ने किया पूर्ण बंद का आह्वान

आज के बंद को सफल बनाने में मुंगेर चैंबर ऑफ कॉमर्स की भूमिका अहम रही। चैंबर के सचिव श्री संतोष अग्रवाल ने कहा, “जिस प्रकार मजहब पूछकर लोगों को मारा गया है, वह पूरी इंसानियत को शर्मसार करता है। भारत इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।” उन्होंने यह भी मांग की कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठनों को जल्द से जल्द नष्ट किया जाए ताकि भविष्य में कोई ऐसी घटना दोबारा न हो।

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दुकानदारों और नागरिकों ने बंद में दिया भरपूर साथ

मुंगेर की सड़कों पर आज सन्नाटा पसरा रहा। न बाजार खुले, न स्कूल-कॉलेज, न ही व्यापारिक प्रतिष्ठान। यहां तक कि छोटे रेहड़ी-पटरी वाले विक्रेताओं ने भी अपने काम को रोक कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। यह स्पष्ट संकेत है कि आतंकवाद के खिलाफ अब पूरे देश में जनआंदोलन का रूप ले चुका है।

युवाओं ने दिखाई देशभक्ति की मिसाल

मुंगेर के युवाओं ने भी इस विरोध प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कॉलेजों के छात्र-छात्राएँ तिरंगे के साथ सड़कों पर उतरे और शहीदों को नमन करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई। युवाओं ने यह संदेश दिया कि अब नई पीढ़ी चुप नहीं बैठेगी, वह हर मोर्चे पर देश की रक्षा के लिए तैयार है।

सरकार से उठी कड़ी कार्रवाई की मांग

इस बंद के माध्यम से लोगों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि अब समय आ गया है जब पाकिस्तान और उसके द्वारा पोषित आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक और कठोर कदम उठाया जाए। आतंकी घटनाओं के पीछे बैठे गुनहगारों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए।

भारत की सहनशीलता की भी है एक सीमा

श्री संतोष अग्रवाल ने साफ शब्दों में कहा कि भारत ने हमेशा शांति और भाईचारे की नीति को अपनाया है, लेकिन जब बात देश की सुरक्षा और नागरिकों की जान की हो, तब सहनशीलता की भी एक सीमा होती है। मजहब के नाम पर की गई इस निर्मम हत्या को देश कभी नहीं भूलेगा।

आतंकवाद के खिलाफ अब निर्णायक लड़ाई का समय

मुंगेर बंद ने यह साबित कर दिया है कि देश का आम नागरिक अब आतंकवाद के खिलाफ खड़ा हो गया है। यह सिर्फ एक बंद नहीं, बल्कि एक चेतावनी है उन ताकतों के लिए जो भारत को कमजोर समझते हैं। देश एकजुट है, और अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी।

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