मुंगेर व्यवहार न्यायालय ने पत्नी को दहेज के लिए हत्या करने वाला पति को आजीवन कारावास के साथ 20 हजार रूपए का आर्थिक दंड की सुनाई सजा

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मुंगेर व्यबहार न्यायालय के माननीय न्यायाधीश गुंजन पांडेय ने धरहरा थाना कांड संख्या-70/20 एक दहेज हत्या मामले में एक व्यक्ति को आजीवन कारावास के साथ 20 हजार रुपया आर्थिक दण्ड कि सजा सुनाई, लगभग 3 साल बाद मृतिका संजू देवी को मिला न्याय।

दरअसल मुंगेर जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर धरहरा थाना क्षेत्र बड़ी गोविंदपुर में 21 अप्रैल 2020 को दहेज की खातिर ससुरालवालों ने एक विवाहिता को जिंदा जला दिया और उसके बाद साक्ष्य मिटाने के लिए उसे जिंदा ही जमीन में गाड़ने कि कोशिश की गई ग्रामीणों के सहयोग से और पुलिस कि तत्परता से बचाया जा सका और उसे इलाज के लिए मुंगेर सदर अस्पताल में भरती कराया गया जहां पर इलाज के दौरान 5 जून 2020 को उनकी मृतयु हो गई। जिसमे मुंगेर व्यबहार न्यायालय के माननीय न्यायाधीश गुंजन पांडेय ने धरहरा थाना कांड संख्या-70/20 दहेज हत्या मामले में मृतिका के पति सुजीत यादव को आजीवन कारावास के साथ 20 हजार रुपया आर्थिक दण्ड कि सजा सुनाई, लगभग 3 साल बाद मृतिका संजू देवी को न्याय मिला।

पूरा मामला इस प्रकार है की नवम्बर 2014 में लखीसराय जिला के पुराना सलेमपुर निवासी स्व0 श्यामसुंदर यादव कि पुत्री संजू देवी कि शादी हिन्दू रीति रिवाज के साथ मुंगेर जिला के धरहरा प्रखण्ड अंतर्गत बड़ी गोविंदपुर निवासी नरसिंह यादव के पुत्र सुजीत यादव से हुई, विवाह के समय लड़कीवालों ने 3 लाख कैस,1लाख 50 हजार के जेवर के साथ लगभग 1लाख का घरेलू सामान उपहार स्वरूप दिया। बावजूद इसके शादी के दो माह बाद से ही सुजीत और उनके परिवारवाले संजू से 2 लाख रुपया दहेज कि मांग करने लगे उसका जीना दुस्वार कर दिया बावजूद इसके वो सब कुछ सहती रही और किसी को कुछ न कहा और दिन यू ही गुजरता रहा। एक दिन 21 अप्रैल 2020 को शाम में जब वो अपने कमरे में अकेली थी

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तभी मौका पाकर उसका भैंसुर(जेठ) उसके कमरे में घुस आया और उसका बलात्कार करना चाहा जिसपर वो चीखती चिल्लाती अपनी इज्जत किसी तरह बचाते हुए अपने सास ससुर के पास पहुंची और उन्हें सारी बात बताई जिसे सुनकर ससुर ने उसे अपने पति सुजीत को सारी बात बताने कहा और जब देर शाम लगभग 8 बजे सुजीत घर पहुंचा तो संजू ने उसे सारी बात बताई जिसे सुनकर उल्टा सुजीत अपनी पत्नी संजू पर ही खफा हो गया और उसके साथ बुरी तरह से मारने पीटने लगा और हद तो तब हो गई जब सुजीत ने संजू पर मिट्टी का तेल उझल कर उसे जिंदा जला डाला और इस कुकृत में उसके परिवार वालों ने उसका सहयोग किया।

इस घटना के बाद पुलिस ने सदर अस्पताल में पीड़िता का बयान लिया और इस मामले में पुलिस ने सास, ससुर, भैंसुर, गोतनी सहित 9 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाय जिसका मुंगेर व्यबहार न्यायालय में 3 वर्षो तक ट्रायल चलने के बाद माननीय न्यायाधीश गुंजन पांडेय ने मृतिका के पति सुजीत यादव को भारतीय दण्ड विधान कि धारा 302 के तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास के साथ 20 हजार रुपया आर्थिक दण्ड कि सजा सुनाई है। इसमें गौरतलब बात ये है कि सुजीत यादव धरहरा थाना कांड संख्या-71/2003,दिनांक-5 अप्रैल 2003 में हत्या मामले का चार्जशीटेड है।

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